India News (इंडिया न्यूज)Shankaracharya Avimukteshwarananda: जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने दिल्ली सरकार से नाराजगी जताई है। शंकराचार्य ने गौ प्रतिष्ठा आंदोलन के लिए रामलीला मैदान में धरना देने की अनुमति मांगी थी। हालांकि सरकार ने अनुमति देने से इनकार कर दिया है। इस पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि लोकतंत्र में यह गलत है। गौ भक्तों को मैदान में बैठकर शांतिपूर्वक बोलने से भी रोका जा रहा है।
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प्रदर्शन की अनुमति न मिलने पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद भड़के
दरअसल, शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने 17 मार्च को रामलीला मैदान में धरना देने की अनुमति मांगी थी। सरकार ने आवेदन खारिज कर दिया है। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि हमने गौ प्रतिष्ठा आंदोलन के क्रम में 17 मार्च को रामलीला मैदान में शांतिपूर्वक धरना देने की अनुमति मांगी थी, लेकिन अब अनुमति रद्द कर दी गई है जो लोकतंत्र में गलत है।
शंकराचार्य ने कहा कि अब इस सरकार में ऐसा समय आ गया है कि गौभक्तों को मैदान में बैठकर शांतिपूर्वक बोलने से भी रोका जा रहा है। ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि हमने सरकार और सभी विपक्षी दलों को गौ माता पर अपने विचार स्पष्ट करने के लिए 17 मार्च तक का समय दिया था।
शंकराचार्य की क्या मांग थी?
उन्होंने आगे कहा कि सरकार 17 मार्च तक गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करे और पूरे देश में गौहत्या पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाए। अन्यथा हम 17 मार्च को दिल्ली में कड़ा फैसला लेने को मजबूर होंगे।