इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने 2012 के शीना बोरा हत्याकांड की मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी को आज जमानत दे दी। इंद्राणी मुखर्जी सीबीआई की विशेष अदालत की न्यायिक हिरासत में थी। उसने सुप्रीम कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी। गौरतलब है कि इंद्राणी मुखर्जी को इससे पहले बाम्बे हाईकोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया था। बता दें कि शीना बोरा इंद्राणी मुखर्जी की बेटी थी। वह उसके पहले पति की संतान थी और दोनों के बीच अच्छे संबंध नहीं थे जिसके कारण अक्सर विवाद होता रहता था।

इस तरह दिया था वारदात को अंजाम, जानिए पूरी साजिश

Sheena Bora and Indrani Mukherjee (file photo)

इंद्राणी मुखर्जी ने शीना बोरा को ठिकाने लगाने के लिए अपने ड्राइवर श्याम राय के साथ इसकी साजिश रची थी। श्याम राय के अलावा एक अन्य व्यक्ति की भी शीना बोरा की हत्या करने में मदद ली थी। दो मई 2012 को उसने शीना बोरा को महाराष्टÑ की राजधानी मुंबई के बांद्रा में मिलने के लिए बुलाया था।

इसके बाद उसे इंद्राणी ने कार में बैठाया। इसके बाद कार में ही शीना बोरा का गला दबाकर हत्या कर दी थी। इंद्राणी ने ड्राइवर को शीना बोरा का शव ठिकाने लगाने को कहा था। इसके बाद ड्राइवर मुंबई से 100 किलोमीटर दूर रायगढ़ के जंगल में शव को लेकर पहुंचा। उसने पहले तो शव जलाने का प्रयास किया। बाद उसने यह फैसला बदल लिया और शव को दफना दिया।

2012 से चल रहा था ट्रायल, 25 अगस्त 2015 को गिरफ्तार की गई

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) 2012 से मामले की जांच कर रही है। इंद्राणी मुखर्जी का अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या करने के आरोप में 24 अप्रैल 2012 को ट्रायल चला था। इसके बाद मुंबई की खार पुलिस ने उन्हें 25 अगस्त 2015 को गिरफ्तार किया। सितंबर 2015 से इंद्राणी मुखर्जी मुंबई की भायखला महिला कारागार में बंद है। उसके ऊपर आरोप था कि उन्होंने मुंबई के बांद्रा में अपनी बेटी शीना बोरा को गला दबाकर मार डाला था। इसके बाद शव को रायगढ़ जिले में दफना दिया था। जांच एजेंसियों ने दावा किया था कि रायगढ़ के जंगल में शीना बोरा के अवशेष भी मिले हैं।

सीबीआई की विशेष अदालत ने भी जमानत देने से किया था इनकार

बाम्बे हाईकोर्ट ने जमानत से पहले सीबीआई की विशेष अदालत ने भी इंद्राणी मुखर्जी को को जमानत देने से कई बार इनकार कर दिया था। उस पर आरोप है कि उन्होंने शीना बोरा की गला दबाकर हत्या की थी। उसके बाद उसके इशारे पर ही शव को रायगढ़ जिले के एक जंगल में ठिकाने लगाने का निर्णय लिया गया।

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !

ये भी पढ़ें : ज्ञानवापी प्रकरण में अधिवक्ता कमिश्नर पद से हटाए, अब अजय प्रताप और विशाल सिंह को दो दिन में दाखिल करनी होगी सर्वे रिपोर्ट

Connect With Us:-  Twitter Facebook