India News (इंडिया न्यूज), Sikkim flood: सिक्किम में झील फटने के बाद अचानक आई भीषण बाढ़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 10 पहुंच गई है, जबकि 80 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। सिक्किम सरकार ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि मरने वालों में सभी नागरिक हैं। तीस्ता बांध में काम कर रहे करीब 14 मज़दूरों के अभी भी सुरंगों में फंसे होने की ख़बर है। बाढ़ के कारण राज्य के विभिन्न हिस्सों में 3,000 से ज़्यादा पर्यटकों के फंसे होने की आशंका भी जताई जा रही है। तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आने के कारण ल्होनक झील का लगभग 65 प्रतिशत हिस्सा बह गया है।

इसरो ने जारी की सैटेलाइट से ली गईं तस्वीरें

इस बीच, इसरो ने अपने राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग सेंटर द्वारा सिक्किम में ल्होनक झील के फटने की उपग्रह द्वारा ली गई तस्वीरें जारी की हैं और इस त्रास्दी को समझाने की कोशिश भी की है। इसरो ने एक बयान में कहा है कि सैटेलाइट से ली गईं तस्वीरों से पता चलता है कि ल्होनक झील फटने के कारण लगभग 105 हेक्टेयर क्षेत्र बह गया है, जिससे निचले इलाकों में काफी दूर तक अचानक बाढ़ आ गई ।

अंतरिक्ष एजेंसी ने क्या कहा?

इसरो ने 17 सितंबर, 28 सितंबर (त्रासदी से पहले) और बुधवार सुबह छह बजे लिए गये फोटो को साझा किया है और 28 सितंबर को ली गई तस्वीर का चार अक्टूबर की तस्वीर से मिलान भी किया है। 17 सितंबर और 28 सितंबर को ली गई तस्वीरों में झील का क्षेत्रफल क्रमशः 162.7 और 167.4 हेक्टेयर दिखाई दे रहा है, जबकि त्रासदी के बाद की तस्वीर से पता चलता है कि झील का क्षेत्रफल आधे से भी कम बचा है और अब इसमें केवल लगभग 60.3 हेक्टेयर पानी बचा है। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि वह उपग्रह डेटा का उपयोग करके आगे भी झील पर नज़र बनाये रखेगी।

एनडीएमए ने अपने बयान में क्या कहा?

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण यानी एनडीएमए ने कहा है कि सिक्किम में अचानक आई बाढ़ का कारण भारी बारिश और उत्तरी सिक्किम में साउथ ल्होनक झील में ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (GLOF)घटना का मेल हो सकता है। एनडीएमए ने अपने एक बयान में यह भी कहा है कि हिमालय पर्वतमाला में कई हिमनद झीलें मौजूद हैं। रिमोट सेंसिंग तकनीक के माध्यम से ये अनुमान लगाया गया है कि हिमालय पर्वतमाला में लगभग 7,500 झीलें हैं और इनमें से अकेले सिक्किम में लगभग 10 प्रतिशत हैं, जिनमें से लगभग 25 झीलों को जोखिम के रूप में माना जाता है।

फिलहाल वैज्ञानिक अचानक आई बाढ़ के सटीक कारण की जांच में जुटे हुए हैं, लेकिन अचानक आई बाढ़ का प्राथमिक कारण अधिक बारिश और उत्तरी सिक्किम में साउथ ल्होनक झील में जीएलओएफ घटना का संभावित संयोजन प्रतीत हो रहा है।

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