India News(इंडिया न्यूज), Rahul Gandhi in USA: अमेरिका दौरे के तीसरे दिन वाशिंगटन डीसी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक संवाद के दौरान कहा कि वह 1947 के बाद से, मानहानि के मामले में सबसे अधिक सजा पाने वाला पहले भारतीय हैं। उन्होंने कहा, “मैं 1947 के बाद से, इतिहास में, मानहानि के मामले में सर्वोच्च सजा पाने वाला भारत का पहला व्यक्ति हूं। किसी को भी अधिकतम सजा नहीं दी गई है, वह भी पहले अपराध पर। यह स्पष्ट होना चाहिए कि आपके साथ क्या हो रहा है और संसद में अडानी के बारे में मेरे भाषण के बाद मेरी अयोग्यता काफी दिलचस्प है।”
तब मैंने ये नहीं सोचा था कि…
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, “मैं 2004 में राजनीति में आया था। तब मैंने ये नहीं सोचा था कि कुछ बोलने भर से सांसदी जा सकती है। मैं शायद पहला इंसान हूं जिसे अवमानना की इतनी बड़ी सजा मिली है, लेकिन अब मुझे लगता है कि संसद में बैठे रहने के मुकाबले अब ज्यादा मौके मिलेंगे।”
राहुल ने कहा- लोकतंत्र में संस्थाओं को खतरे में देखकर हमने भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा,” कांग्रेस पार्टी ने संस्थानों की अवधारणा की। हम उन्हें अपनी संस्था के रूप में नहीं देखते हैं हम उन्हें राज्य की संस्था के रूप में देखते हैं हमने सुनिश्चित किया कि इन संस्थाओं में स्वतंत्रता और तटस्थता रहे।”
आलोचना को सुनना जरूरी है
कांग्रेस नेता ने भारत में प्रेस की आजादी का जिक्र करते हुए कहा कि भारत में प्रेस की स्वतंत्रता कमजोर होती जा रही है और यह बात सभी जानते हैं। मुझे लगता है कि लोकतंत्र के लिए प्रेस की स्वतंत्रता और आलोचना को सुनना जरूरी है।
उन्होंने यह भी कहा कि मेरे खयाल से सभी भारतीयों के पास धार्मिक स्वतंत्रता होनी चाहिए। सभी भारतीय समुदायों के पास अभिव्यक्ति की आजादी होनी चाहिए। मैं लोगों के धर्म और जाति के आधार पर उनमें भेद नहीं करता।
बचपन से गांधीवादी सोच के साथ बड़ा हुआ हूं
कांग्रेस नेता ने राजीव गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि मैं बचपन से गांधीवादी सोच के साथ बड़ा हुआ हूं कि भारत क्या है और इसे कैसा होना चाहिए। मैं जान से मारने की धमकियों से नहीं डरता। आखिर सबको एक दिन मरना है। ये मैंने अपनी दादी और अपने पिता से सीखा है। ऐसी धमकियों से डरकर आप रुक नहीं जाते।
उन्होंने अंत में विपक्षी एकता के सवाल पर जवाब देते हुए कहा “विपक्ष बहुत अच्छी तरह से एकजुट है, और हम सभी विपक्षियों के साथ बातचीत कर रहे हैं। मुझे लगता है कि इस दिशा में काफी अच्छा काम हो रहा है। यह एक जटिल चर्चा है। लेकिन मुझे विश्वास है कि ऐसा होगा।”
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