India News (इंडिया न्यूज),Illegal Betting-Loan Apps: केंद्र सरकार ने अवैध सट्टेबाजी और लोन ऐप्स पर नकेल कसना शुरू कर दिया है। केंद्र सरकार की ओर से सोशल मीडिया और ऑनलाइन मंचों पर फर्जी लोन देने वाले ऐप्स का विज्ञापन न करने के निर्देश जारी किए गए हैं। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बुधवार को यह जानकारी दी। केंद्र सरकार के इस निर्देश से साफ है कि सोशल मीडिया सेलिब्रिटीज अब अवैध सट्टेबाजी और लोन ऐप्स का विज्ञापन नहीं कर सकेंगे। सरकार मध्यस्थ नियमों के तहत कदम उठाएगी।
चन्द्रशेखर ने मीडिया को बताया कि आईटी मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को स्पष्ट रूप से कहा है कि वे धोखाधड़ी वाले लोन ऐप्स के विज्ञापनों का उपयोग न करें। ये विज्ञापन लोगों को गुमराह कर रहे हैं। ऐसे विज्ञापनों से इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले लोगों को नुकसान हो रहा है। केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया सहायक कंपनियों और ऑनलाइन प्लेटफार्मों को मौजूदा आईटी नियमों के तहत अवैध ऋण देने और सट्टेबाजी ऐप्स पर सक्रिय रूप से प्रतिबंध लगाने और हटाने का निर्देश दिया है।
आईटी विभाग ने लोन ऐप्स को लेकर जारी किए निर्देश
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने सभी डिजिटल मध्यस्थों को मौजूदा आईटी नियमों का सक्रिय रूप से पालन करने के लिए एक सलाह जारी की। ये निर्देश विशेष रूप से गलत सूचना और डीपफेक के संदर्भ में दिए गए हैं। आईटी मंत्रालय ने अवैध ऋण और सट्टेबाजी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने के लिए बिचौलियों की जिम्मेदारी को भी रेखांकित किया है।
आईटी मंत्रालय के बयान में कहा गया है, “मध्यस्थों/प्लेटफार्मों को अवैध ऋण और सट्टेबाजी ऐप्स का विज्ञापन जारी नहीं रखना चाहिए जिनमें उपयोगकर्ताओं को घोटाला करने और गुमराह करने की क्षमता है। “इसके लिए विशेष उपाय करने की जरूरत है, अगर यह प्रकाशित हुआ तो इसके परिणामों की पूरी जिम्मेदारी बिचौलियों/मंचों पर होगी।”
डीपफेक और सट्टेबाजी ऐप्स पर लगाम लगाने की पहल
यह सलाह डीपफेक, गलत सूचना और अवैध ऋण देने और सट्टेबाजी ऐप्स के प्रसार जैसे खतरों से निपटने के लिए सरकार के निर्णायक प्रयासों की पृष्ठभूमि में आई है। आपको बता दें कि अक्टूबर में एक बैठक के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक ने अवैध सट्टेबाजी ऐप्स के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई पर चर्चा की थी।
बैठक के दौरान आईटी मंत्रालय ने आरबीआई से बैंकों के लिए नो योर कस्टमर (केवाईसी) प्रक्रिया को और अधिक व्यापक बनाने का आग्रह किया था। ‘नो योर डिजिटल फाइनेंस ऐप’ (केवाईडीएफए) नामक इस प्रस्तावित केवाईसी प्रक्रिया की परिकल्पना ऋण ऐप्स का प्रभावी ढंग से पता लगाने के लिए की गई है।
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