Deep Fake: पिछले कई दिनों से डीपफेक तकनीक के दुरुपयोग के कई सारे हाई प्रोफाइल केस सामने आए हैं। हाल फिलहाल में ऐसे केसेज की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। हालांकि, ऐसे अपराधों की जांच में जुटी में संबंधित एजेंसियों के सामने एक बड़ी समस्या आ गई है।
जांच में मुश्किल
रश्मिका मंदाना जैसे अभिनेत्रियों की फर्जी प्रोफाइल से जुड़े डीपफेक मामले की जांच एक गतिरोध के स्तर पर पहुंच गई है। आपको बता दें कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म डीप फेक सामग्री बनाने के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के बारे में जानकारी प्रदान करने में असमर्थ हैं। आरोपियों ने कथित तौर पर अपने सोशल मीडिया अंकाउंट्स से डिटेल्स को डिलीट कर दिया है। ऐसे में उनका पता लगाना मुश्किल हो गया है।
वीपीएन का इस्तेमाल
पिछले दिनों डीपफेक मामले में कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, बाद में जांच में पता चला कि संदिग्ध डीपफेक वीडियो बनाने वाले अपराधी नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर उसे शेयर करने वाले लोग थे। अनुमान है कि अभिनेत्री के डीपफेक वीडियो फेक आईडी का इस्तेमाल कर अपलोड किए गए थे। इस वीडियो को अपलोड करने के लिए वीपीएन का इस्तेमाल किया गया था। जिससे अपराधी की लोकेशन को ट्रैक करने में कठिनाई हो रही है।
जानकारी दे पाने में असमर्थ
दिल्ली पुलिस की आईएफएसओ (ऑनलाइन उपयोगकर्ताओं के लिए इंटरनेट स्वतंत्रता और सुरक्षा) इकाई ने जानकारी इकट्ठा करने के प्रयास में बुधवार को मेटा (पूर्व में फेसबुक) को एक पत्र भेजा। हालाँकि, META ने जवाब दिया कि उस आईडी के बारे में वह जानकारी दे पाने असमर्थ है क्योंकि खाते को पहले ही हटा दिया गया था।
गृह मंत्रालय के समक्ष उठाया जाएगा मुद्दा
हालांकि, अधिकारी अभी भी मामले की जांच कर रहे हैं। पुलिस GoDaddy की प्रतिक्रिया का भी इंतजार कर रही है, क्योंकि उनकी सेवाओं के माध्यम से एक समान प्रोफ़ाइल बनाई गई थी। उम्मीद है कि दिल्ली पुलिस के शीर्ष अधिकारी इस मुद्दे को गृह मंत्रालय के समक्ष उठाएंगे, जिसे I&B मंत्रालय और MeITY को भेजा जाएगा।
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