India News (इंडिया न्यूज),NSA Ajit Doval: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद पूरे देश में गुस्से का माहौल है। केंद्र सरकार आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की रणनीति तैयार करने में जुटी है। इस हमले के बाद से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार उच्च स्तरीय बैठकें कर रहे हैं। सोमवार को पीएम मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के साथ अहम बैठक की। इस बैठक के तुरंत बाद पीएम ने गृह सचिव गोविंद मोहन से भी मुलाकात की।
लगातार बैठकें
पहलगाम हमले के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब की अपनी दो दिवसीय यात्रा को बीच में ही छोड़कर स्वदेश लौटने का फैसला किया। दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरते ही उन्होंने एनएसए अजीत डोभाल, विदेश मंत्री एस जयशंकर और विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ आपात बैठक की। इसके बाद 23 अप्रैल को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाने पर चर्चा हुई, जिसमें सिंधु जल संधि को निलंबित करने और अटारी-वाघा सीमा को बंद करने जैसे ऐतिहासिक फैसले लिए गए।
90 मिनट की उच्च स्तरीय बैठक
इसके बाद मंगलवार 29 अप्रैल को पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, एनएसए डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ 90 मिनट की उच्च स्तरीय बैठक की, जिसमें सशस्त्र बलों को खुली छूट देने का फैसला किया गया। बुधवार 30 अप्रैल को भी पीएम ने अपने आवास पर विदेश मंत्री जयशंकर, एनएसए डोभाल और सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी के साथ एक और महत्वपूर्ण बैठक की। आज 5 मई 2025 को पीएम मोदी ने एनएसए अजीत डोभाल के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसके बाद उन्होंने गृह सचिव से भी चर्चा की। इन बैठकों में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति, आतंकी नेटवर्क के खिलाफ ऑपरेशन और पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव बढ़ाने की रणनीति पर गहन चर्चा हुई।
पाकिस्तान के खिलाफ कड़े फैसले
इस हमले के बाद भारत ने न सिर्फ सिंधु जल संधि को निलंबित किया, बल्कि पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करने और अटारी सीमा बंद करने जैसे कड़े कदम भी उठाए। सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी ने जवाबी कार्रवाई के लिए समय, लक्ष्य और तरीका तय करने की पूरी छूट सेनाओं को दे दी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी संकेत दिए हैं कि आतंकवाद के समर्थकों को ‘करारा जवाब’ दिया जाएगा। भारतीय सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है और जम्मू-कश्मीर में तलाशी अभियान तेज कर दिए गए हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) भी हमले की साजिश और आतंकी नेटवर्क का पता लगाने में जुटी है।
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