India News(इंडिया न्यूज़) Sawan 2023: सावन का यह महापर्व शिवजी की अराधना का लिए जाना जाता है। इस महापर्व को लोग काफी भक्तिमय के साथ भोलेनाथ के अराधना में लगें रहते हैं और सावन के हर सोमवार को व्रत करते हैं। वही इस साल का सावन 58 दिनों का होगा यानी भोलेनाथ पूजा-पाठ और भक्ति के लिए दो माह का सावन रहेगा। इस बार का सावन 4 जुलाई से शुरु होकर यह सावन का पवित्र महीना 31 अगस्त तक रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक देवशयनी एकादशी से लेकर देवउठनी एकादशी तक भगवान विष्णु योगनिद्रा में रहते हैं। तो चलिए आज हम सावन के मदत्व और सावन सोमवार के पूजन ने विधि के बारें में बताते हैं।

क्या है सावन महीने का महत्व?

हिंदू कैलेंडर के मुताबिक सावन का महीना पांचवां महीना होता है। सावन का महीना भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना होता माना जाता है। भगवान भोलेनाथ को सावन का महीना प्रिय होने के पीछे एक पौराणिक कथा है। दरअसल सावन के महीने ही मां पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर जप-तप किया था। जिससे भगवान शिव खुश होकर मां पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। सावन के महीने में शिवलिंग का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक का एक खास महत्व होता है। पूरे सावन महीने के दौरान हर दिन शिवजी की पूजा-उपासना करने पर सभी तरह की मनोकामना पूरी होती है।

सावन सोमवार का पूजन-विधि

  • इस सावन के पहले सोमवार को मंदिर जाने से पहले सुबह या शाम के समय स्नान करना बेहद जरूरी है।
  • उसके बाद एक कलश में जल भरकर नंगे पैर घर से मंदिर निकलना बेहद शुभ माना जाता है।
  • भगवान शिव के मंदिर में जाकर जल शिवलिंग पर अर्पित करें फिर बाद साष्टांग दंडवत प्रणाम करें।
  • फिर भगवान शंकर के सामने खड़े होकर हाथ जोड़कर ओम नमः शिवाय मंत्र का 108 बार उच्चारण करें।
  • और जो लोग इस सोमवार को व्रत रखते हैं वह सिर्फ एक बार ही फलाहार करना सही होता है। उसके बाद शाम के समय महादेव के मंत्रों का जाप और आरती करें।
  • उसके बाद अगले दिन अन्न और वस्त्र को गरीबों में बाटें, उसके बाद अपने व्रत का पारण करना बेहद सही रहता है।

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