India News,(इंडिया न्यूज), South Africa: दक्षिण अफ्रीका की संसद में एक विधेयक को पेश किया गया है। जो कि इस विधेयक में शरिया के अनुसार पारंपरिक मुस्लिम शादियों की कानूनी स्थिति को संशोधित करने का प्रयास है, जिस पर सदन में चर्चा की गई है। दरअसल, शरिया के अनुसार हुई शादियों को दक्षिण अफ्रीका में नागरिक विवाह के रूप में पंजीकृत नहीं किया जाता है।
मुस्लिम महिलाओं को लेकर चिंतित हैं राष्ट्रपति
बता दें कि, महिला कानूनी केंद्र ट्रस्ट ने अदालत में राष्ट्रपति के फैसले की आलोचना की। राष्ट्रपति ने अपने फैसले में कहा था कि हम मुस्लिम विवाहों और मुस्लिम महिलाओं को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि इस वजह से महिलाएं विवाह अधिनियम और तालाक अधिनियम के लाभ नहीं ले पाती हैं। साथ ही मुस्लिम शादी के जिस मुद्दे को असंवैधानिक कहा गया था, उनमें मुस्लिम विवाहों और उनसे पैदा हुए बच्चों और आश्रित बच्चों के सुरक्षा और उनके कल्याण के तंत्र प्रदान करने में विफलता है।
मृत्यु प्रमाण पत्र पर वैवाहिक नहीं लिखने की प्रथा को बंद किया जाए
मामले की पैरवी कर रहे जामा पार्टी के सांसद गेनीफ हेंड्रिक्स ने कहा कि, शरिया कानून के तहत हो रहे विवाहों को सरकार वही दर्जा दे, जैसा पंजीकरण प्रक्रिया के माध्यम से हुए विवाहों को दिया जाता है। हेंड्रिक्स का अनुरोध है कि मुसलमानों के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र पर वैवाहिक नहीं लिखने की प्रथा को बंद किया जाए। क्योंकि इससे विरासत और बंटवारें में कई समस्याएं पैदा होती हैं।
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