India News (इंडिया न्यूज), Mahakumbh Stampede: प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ की जांच उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने तेज कर दी है। यूपी एसटीएफ की टीमें साजिश के एंगल से जांच में जुटी हैं। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कहीं महाकुंभ में भगदड़ किसी साजिश के तहत तो नहीं कराई गई। अपनी जांच के तहत यूपी एसटीएफ संगम नोज के आसपास सक्रिय मोबाइल नंबरों का डाटा खंगाल रही है। महाकुंभ मेला क्षेत्र के डीआईजी वैभव कृष्ण ने बताया, ‘इस एंगल से भी जांच की जा रही है कि कहीं मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ कोई साजिश तो नहीं थी। क्योंकि कई इनपुट ऐसे आए हैं जो इस ओर इशारा कर रहे हैं।’
हजारों मोबाइल नंबर को खंगाल रही एसआईटी
सूत्रों की मानें तो 16 हजार से ज्यादा मोबाइल नंबरों का डाटा खंगाला जा रहा है। अब तक की जांच में कई मोबाइल नंबर घटना के बाद से ही बंद आ रहे हैं। महाकुंभ मेला क्षेत्र में बने कमांड एंड कंट्रोल रूम के सीसीटीवी से फेस रिकग्निशन एप के जरिए संदिग्धों की पहचान की जा रही है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि, वसंत पंचमी के स्नान को लेकर यूपी पुलिस हाई अलर्ट पर है। यूपी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी आज रात भर महाकुंभ और प्रयागराज में फील्ड में सक्रिय रहेंगे।
इंटेलिजेंस ने जताई थी ये आशंका
महाकुंभ से पहले आईबी और लोकल इंटेलिजेंस ने अघोरियों के वेश में आतंकियों के मेले में घुसने की जानकारी दी थी। इसके अलावा, महाकुंभ शुरू होने से पहले खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक धमकी भरा वीडियो शेयर किया था। पन्नू ने कहा था कि वह महाकुंभ मेले के जरिए पीलीभीत एनकाउंटर का बदला लेगा। अब भगदड़ के बाद यूपी एसटीएफ और महाकुंभ मेला पुलिस ने इन दोनों एंगल से अपनी जांच शुरू कर दी है। पता लगाया जा रहा है कि भगदड़ के पीछे वाकई कोई साजिश थी या नहीं।
कितने लोगों की हुई मौत?
प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन 29 और 30 जनवरी की दरमियानी रात करीब 2 बजे भगदड़ मच गई थी। घटना के करीब 16 घंटे बाद महाकुंभ प्रशासन ने 30 श्रद्धालुओं की मौत और 60 के घायल होने की पुष्टि की थी।