India News (इंडिया न्यूज), Amit Shah On Waqf Bill : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक मुस्लिम धार्मिक मामलों और उनके द्वारा दान की गई संपत्तियों में हस्तक्षेप नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा कोई भी सुझाव वोट बैंक के लिए भय फैलाने और तुष्टिकरण की राजनीति है। संसद में पेश किए जाने के बाद लोकसभा में विधेयक के पक्ष में बोलते हुए शाह ने कहा कि वक्फ परिषद और बोर्ड 1995 में अस्तित्व में आए थे और गैर-मुस्लिमों की धार्मिक मामलों को चलाने में कोई भूमिका नहीं होगी।

‘आप देश को तोड़ देगें’

अमित शाह ने कहा कि विपक्ष इस विधेयक के बारे में गलत धारणाएँ फैलाने की कोशिश कर रहा है। वक्फ विधेयक मुस्लिम धार्मिक प्रथाओं में हस्तक्षेप नहीं करने जा रहा है…तुष्टिकरण की राजनीति चल रही है, विपक्ष वोट बैंक की राजनीति कर रहा है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि, आप…अपने मिथकों से देश को तोड़ देंगे।

उन्होंने आगे कहा कि वक्फ विधेयक में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि गैर-मुस्लिमों को वक्फ बोर्ड में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा, “यह विधेयक वक्फ बोर्ड में चल रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए है। वक्फ कानून को 2013 में तुष्टीकरण के लिए ‘चरम’ बना दिया गया था, अगर ऐसा नहीं किया जाता तो शायद इस विधेयक की जरूरत ही नहीं पड़ती। वक्फ बोर्ड धार्मिक संस्था नहीं बल्कि प्रशासनिक संस्था है।

लोकसभा में आज पेश हुआ वक्फ विधेयक

इससे पहले केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया, जिसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के कामकाज में सुधार, जटिलताओं को दूर करना, पारदर्शिता सुनिश्चित करना और प्रौद्योगिकी-संचालित प्रबंधन शुरू करना है। संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) द्वारा जांचे गए और फिर से तैयार किए गए विधेयक को पेश करते हुए उन्होंने कहा कि इस कानून का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि यह केवल संपत्तियों से संबंधित है।

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