India News (इंडिया न्यूज), Suhas Subramanyam: भारतीय मूल के सुहास सुब्रमण्यम ने वर्जीनिया राज्य में हुए डेमोक्रेटिक पार्टी के प्राइमरी चुनाव में जीत हासिल की है। सुहास सुब्रमण्यम ने 11 अन्य उम्मीदवारों को हराकर वर्जीनिया सीट से उम्मीदवारी हासिल की है। सुहास ने जिन 11 उम्मीदवारों को हराया है, उनमें भारतीय मूल की क्रिस्टल कौल भी शामिल हैं। सुहास सुब्रमण्यम साल 2019 में वर्जीनिया जनरल असेंबली चुनाव में चुने जाने वाले पहले भारतीय मूल, दक्षिण एशियाई मूल और पहले हिंदू नेता हैं।
सुहास पहले भी राजनीति में सक्रिय रहे
सुहास सुब्रमण्यम साल 2023 में वर्जीनिया स्टेट सीनेट के लिए भी चुने गए हैं। अब सुब्रमण्यम वर्जीनिया सीट से अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के लिए चुनाव लड़ेंगे। गौरतलब है कि वर्जीनिया सीट पर बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग रहते हैं, ऐसे में सुहास सुब्रमण्यम की दावेदारी काफी मजबूत मानी जा रही है वैक्सटन ने भी सुब्रमण्यम के दावे का समर्थन किया। अब सुहास का मुकाबला रिपब्लिकन पार्टी के माइक क्लैंसी से होगा।
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बेंगलुरू से है सुहास का नाता
सुहास सुब्रमण्यम (37 वर्ष) का जन्म ह्यूस्टन में हुआ। सुहास के माता-पिता बेंगलुरू से अमेरिका शिफ्ट हो गए थे। वर्ष 2015 में तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सुहास को व्हाइट हाउस में प्रौद्योगिकी नीति सलाहकार नियुक्त किया था। मीडिया से बातचीत में सुहास ने कहा कि ‘वह अमेरिका के बेहतर भविष्य के लिए कांग्रेस का चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस समस्याओं के समाधान और भविष्य के प्रति जागरूक होने के लिए है। हम सिर्फ अगले दो या तीन साल के लिए कानून नहीं बनाएंगे बल्कि ये अगले 20-30 साल के लिए होंगे। मैं चाहता हूं कि मेरे बच्चे बेहतर समाज और बेहतर दुनिया में रहें।
सुहास ने कहा कि ‘मेरे माता-पिता बेंगलुरू और चेन्नई से हैं। उन्होंने कुछ समय सिकंदराबाद में भी बिताया। वे बेहतर भविष्य की तलाश में यहां आए थे। जब मेरे माता-पिता यहां आए थे तो उनके पास ज्यादा कुछ नहीं था, लेकिन उन्होंने कड़ी मेहनत और शिक्षा के दम पर यहां सफलता हासिल की। मैं चाहता हूं कि अमेरिका में सभी को अपने सपने पूरे करने का मौका मिले। यहां हर कोई आकर अपनी मेहनत के बल पर सफल हो सकता है और मैं चाहता हूं कि यह हमेशा ऐसा ही रहे।