India News (इंडिया न्यूज़), Supreme Court: हमने कई बार फिल्मों और पटकथाओं में “माई लॉर्ड” शब्द सुना होगा। अक्सर ये शब्द वकीलों द्वारा जज को सम्मान देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के एक न्यायाधीश को बार-बार “माई लॉर्ड” और “योर लॉर्डशिप” सुनना पसंद नहीं आया। उन्होंने न्यायिक कार्यवाही के दौरान वकीलों द्वारा बार-बार “माई लॉर्ड” और “योर लॉर्डशिप” कहे जाने पर नाखुशी जताई है।
- मैं आपको अपना आधा वेतन दे दूंगा
- आप कितनी बार ‘माई लॉर्ड्स’ कहेंगे?
बार काउंसिल ऑफ इंडिया में प्रस्ताव पारित
बता दें कि बुधवार को एक नियमित मामले की सुनवाई के दौरान Supreme Court के वकील ने वरिष्ठ पीठासीन न्यायाधीश न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना के साथ पीठ पर बैठे न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा ने एक वरिष्ठ से कहा, “आप कितनी बार ‘माई लॉर्ड्स’ कहेंगे? यदि आप यह कहना बंद कर देंगे, तो मैं आपको अपना आधा वेतन दे दूंगा।” न्यायमूर्ति नरसिम्हा ने कहा, “आप माई लॉर्ड के बजाय ‘सर’ का उपयोग क्यों नहीं करते। 2006 में बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें निर्णय लिया गया था कि कोई भी वकील न्यायाधीशों को “माई लॉर्ड” और “योर लॉर्डशिप” कहकर संबोधित नहीं करेगा। लेकिन व्यवहार में इसका पालन नहीं किया गया।
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