India News (इंडिया न्यूज), Supreme Court Hearing: कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुए रेप-मर्डर केस में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई हुई। इस दौरान सीबीआई ने अब तक की जांच की स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में पेश की। साथ ही कोर्ट ने केस से जुड़े कई अन्य अहम सवाल भी पूछे। इस केस की सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच कर रही थी। इस केस में बंगाल सरकार की तरफ से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल पेश हुए, जबकि सीबीआई की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता कोर्ट में पेश हुए।
चीफ जस्टिस ने बीजेपी नेता को लगाई फटकार
वहीं सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने एक वकील को ऊंची आवाज में अपनी बात रखने पर फटकार भी लगाई। उन्होंने वकील से कहा कि वह अपनी आवाज कम रखें। दरअसल, कोर्ट में बहस के दौरान कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके पास यह साबित करने के लिए वीडियो और तस्वीरें हैं कि 9 अगस्त की घटना के विरोध में वकील सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल पर पथराव कर रहे थे। इस आरोप का जवाब देते हुए वकील ने पूछा कि एक वरिष्ठ वकील अदालत में इस तरह के बयान कैसे दे सकता है। इस पर मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ भड़क गए और कहा कि क्या आप अदालत के बाहर गैलरी को संबोधित करने की कोशिश कर रहे हैं? दरअसल, उस वकील का नाम कौशल बागची है और वह भाजपा नेता भी बताया जा रहा है।
वकील ने कोर्ट में माफी मांगी
बता दें कि, मुख्य न्यायाधीश ने वकील को फटकार लगाते हुए कहा कि मैं पिछले दो घंटों से आपके आचरण को देख रहा हूं। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि क्या आप पहले अपनी आवाज कम कर सकते हैं? मुख्य न्यायाधीश की बात सुनिए, अपनी आवाज कम कीजिए। आप अपने सामने बैठे तीन न्यायाधीशों को संबोधित कर रहे हैं, न कि बड़ी संख्या में दर्शकों को जो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म पर इस कार्यवाही को देख रहे हैं। इसके बाद वकील ने पीठ से माफी मांगी। फिर जब वकीलों की दलीलें शुरू हुईं तब मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि मैं इस तरह की वकालत का आदी नहीं हूं। जहां एक ही समय में 7-8 लोग बहस कर रहे हों।
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टीएमसी ने साधा निशाना
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ द्वारा फटकार लगाए जाने के बाद तृणमूल कांग्रेस ने भी वकील पर निशाना साधा। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में टीएमसी ने लिखा कि लेकिन हम एक आधे समय के वकील और पूर्णकालिक भाजपा कार्यकर्ता से और क्या उम्मीद कर सकते हैं। जो सोचता है कि उनके शासन में बाकी सब चीजों की तरह अदालत की मर्यादा को भी ध्वस्त किया जा सकता है? आज, माननीय मुख्य न्यायाधीश ने उनके कदाचार के लिए उन्हें सही तरीके से फटकार लगाई।
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