India News (इंडिया न्यूज), Puja Khedkar: पूर्व प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (15 जनवरी, 2025) को सिविल सेवा परीक्षा में ओबीसी और दिव्यांगता कोटे के तहत धोखाधड़ी से आरक्षण का लाभ लेने से जुड़े एक मामले में उनकी गिरफ्तारी पर 14 फरवरी तक रोक लगा दी। जस्टिस बी वी नागरत्ना और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने अग्रिम जमानत की मांग करने वाली खेडकर की याचिका पर दिल्ली सरकार और संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को नोटिस जारी किया।
यूपीएससी ने रद्द किया था चयन
पूजा खेडकर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा, “हाईकोर्ट के आदेश में उनके खिलाफ गंभीर निष्कर्ष हैं। अगर यह मामला सुनवाई के लिए जाता है, तो हाई कोर्ट के आदेश में उल्लिखित निष्कर्षों के कारण दोषसिद्धि की अच्छी संभावना है।” यूपीएससी ने आईएएस अधिकारी के रूप में खेडकर का चयन रद्द कर दिया और आरक्षण लाभ प्राप्त करने के लिए सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के लिए उनके आवेदन में गलत जानकारी प्रस्तुत करने के आरोपों की जांच के बाद भविष्य में सिविल सेवा परीक्षा में बैठने पर भी प्रतिबंध लगा दिया।
क्या है पूरा मामला?
2023 बैच की आईएएस अधिकारी खेडकर के खिलाफ आरोपों में 2022 यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के आवेदन में गलत जानकारी देकर अवैध रूप से आरक्षण लाभ प्राप्त करना शामिल है। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू की, जिसमें उन पर आरक्षण लाभ का फायदा उठाने के लिए अपनी पहचान को गलत बताने का आरोप लगाया गया। दिल्ली पुलिस ने भी उनके खिलाफ कई अपराधों के लिए एफआईआर दर्ज की है। केंद्र ने उनके आचरण और चयन प्रक्रिया की जांच के लिए एक सदस्यीय समिति भी बनाई है। हालांकि, पूर्व प्रशिक्षु अधिकारी ने अपने खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया है।