India News (इंडिया न्यूज), CAA: SC ने CAA पर रोक लगाने से किया इनकार कर दिया है। जिसमें कहा गया कि नागरिकता प्रदान करने पर कोई रोक नहीं लगेगा। जिसके लिए केंद्र को नोटिस भी जारी किया है। केंद्र को जवाब देने के लिए 3 हफ्ते का वक्त दिया गया। अब 9 अप्रैल को सुनवाई होगी।
- ‘समानता के अधिकार’ का उल्लंघन
- फिर खटखटाएंगे अदालत का दरवाजा
नागरिकता ना देने की अपील
बता दें कि आज (मंगलावर) सुनवाई के दौरान वकील कपिल सिब्बल ने नागरिकता ना देने की अपील की। जिसके बाद कोर्ट ने उन्हे पक्ष को रखने के लिए और समय दिया। जिसके बाद सिब्बल ने कहा कि अगर अभी भी नागरिकता दी जाएगी तो हम फिर से अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।
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याचिकाकर्ताओं का नाम
सीएए के खिलाफ याचिका दायर करने वाले लोगों का कहना है कि सीएए धर्म के आधार पर मुसलमानों के साथ भेदभाव करता है। जो कि संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत ‘समानता के अधिकार’ का उल्लंघन है। बता दें कि याचिकाकर्ताओं में, तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा, पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, केरल की इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) समेत अन्य कई लोग शामिल है।
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क्या है CAA
बता दें कि देश में CAA के लागू होने से बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए उन सभी गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों (हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई) को राहत मिलेगा, जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत में दाखिल हुए थें। बता दें कि सिटीजनशिप एक्ट ऑफ 1955 में संशोधन करने के बाद CAA बनाया गया है। जिसके मुताबिक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के उन प्रताड़ित नागरिकों को राहत मिलेगा जो उस देश से प्रताड़ित होकर भारत आए थें। इस कानून का मकसद मुस्लिम देशों के उन अल्पसंख्यकों को फायदा पहुचाना है, जिन्हें अपने ही देश में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।