India News (इंडिया न्यूज), Surgical Strike: साल 2016 में 18 सितम्बर का वो दिन था जब आतंकियों ने उरी में भारतीय सैनिकों पर हमला किया था। फिर जवाब में  29 सितंबर 2016 की रात को भारत के वीर सपूतों ने अपनी जान जोखिम में डालकर सीमा पार जाकर उरी पर हुए दुस्साहसिक हमले का बदला लिया था। भारतीय सेना के विशेष बलों ने आतंकी शिविर और उसके अंदर छिपे आतंकियों को नष्ट कर दिया था। उस समय पूरे देश में नवरात्रि का त्योहार चल रहा था और ऐसे मौके पर भारतीय सेना ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया।

भारतीय सेना के जवान पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में 3 किलोमीटर अंदर तक घुस आए थे। वहां पहुंचकर उन्होंने आतंकी शिविर को नष्ट कर दिया। फिर उन्होंने सो रहे आतंकियों को हमेशा के लिए मौत की नींद सुला दिया। जिसने भी हथियार उठाने की हिम्मत की, उसे भारतीय सेना के जवानों ने भयानक मौत दी। बताया जाता है कि पूरा मिशन सिर्फ 25 कमांडो के जिम्मे था। वहीं, करीब 150 कमांडो अतिरिक्त सहायता के लिए LoC के पास रुके हुए थे। अगर उन पर जवाबी हमला होता तो बैकअप में तैनात कमांडो भी जोरदार जवाब देते।

आतंकियों ने दस दिन पहले किया था उरी में हमला

सर्जिकल स्ट्राइक दस दिन पहले उरी में आतंकियों द्वारा किए गए नापाक हमले का जवाब था। जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकी 18 सितंबर 2016 को उरी में भारतीय सेना के कैंप में पहुंचे थे और यहां प्रशासनिक स्टेशन पर छिपकर हमला किया था। इस हमले में भारतीय सेना के 19 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद वहां मौजूद विशेष बलों ने मुठभेड़ में आतंकियों को मार गिराया था। बाद में खबर आई थी कि इस हमले में पाकिस्तानी सेना का हाथ था। उसने आतंकियों की मदद की थी।

सरकार और सेना ने मिलकर बनाया था प्लान

उरी की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। भारतीय लोगों का खून खौल रहा था। देश इसका जवाब चाहता था। वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान यह मानने को तैयार नहीं था कि उसके संरक्षक आतंकियों ने यह कायराना हरकत की है। इसके बाद भारत सरकार और सेना दोनों ने आतंकियों और उनके पाकिस्तानी आकाओं को मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी शुरू कर दी। 29 सितंबर को सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देने से पहले बड़ी तैयारी की गई थी। क्योंकि पहली बार भारत ऐसा ऐतिहासिक कदम उठाने जा रहा था, जब सीमा पार करके आतंकियों को उनके ठिकाने के सामने ही खत्म किया जाएगा।

पैरा एसएफ कमांडो ने की थी सर्जिकल स्ट्राइक

भारतीय सेना के घातक दस्ते पैरा एसएफ कमांडो को इस मिशन को पूरा करने की जिम्मेदारी दी गई थी। इस मिशन के कमांडर ने अपने 150 घातक कमांडो को निर्देश दिया था कि कोई भी दुश्मन जिंदा नहीं बचना चाहिए। वे एलओसी पार करके आतंकियों के घर में घुसकर उन्हें मारेंगे। पाकिस्तानी सेना की मदद से सीमा पार कैंपों में रह रहे कायर आतंकियों ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि भारतीय सेना इस तरह बदला ले सकती है। 18 सितंबर 2016 को उरी हमले में शहीद हुए जवानों की चिता की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि हमारे स्पेशल फोर्स के जवानों ने दुश्मन के घर में घुसकर उन्हें नेस्तनाबूद कर दिया।

वो 3 शहीद जिनके पीछे बिलखती रह गईं वीर पत्नियां, आखिरी Video देखकर रोया पूरा देश, सैल्यूट में उठे सैंकड़ों हाथ

पीओके में घुसने के बाद स्पेशल फोर्स के कमांडो ने सबसे पहले आतंकियों के कैंप में ग्रेनेड फेंके। इसके बाद रात के अंधेरे में स्मोक ग्रेनेड फेंककर भारतीय कमांडो ने नाइट विजन कैमरों की मदद से एक-एक कर सभी आतंकियों को ढेर कर दिया। सर्जिकल स्ट्राइक में 38 आतंकी मारे गए। इस मिशन में पाकिस्तानी सेना के दो जवान भी मारे गए। पूरा ऑपरेशन चार घंटे तक चला और इसमें किसी भी भारतीय जवान की जान नहीं गई।

इस एक्ट्रेस को हुई थी Pakistan से हमदर्दी…जान देने वाले भारतीय जवानों पर लगाया था ऐसा लांछन, अचानक फिर वायरल हुआ Video