India News (इंडिया न्यूज), Tahawwur Rana Extradition: मुंबई में 26/11 के आतंकी हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा कल भारत पहुंच चुका है। उसे पूरे 16 साल बाद भारत लेकर आया गया है। कोर्ट में पेशी के बाद राणा को 18 दिन की एनआईए हिरासत में भेजा गया है। अब जांच एजेंसी आरोपी से 2008 के हमलों की पूरी साजिश के बारे में पूछताछ करेगी।आरोपी को अमेरिका से भारत लाने का ऑपरेशन जितना संवेदनशील था, उतना ही महंगा भी था। सूत्रों के मुताबिक तहव्वुर राणा को अमेरिका के मियामी से भारत लाने के लिए लग्जरी चार्टर प्लेन गल्फ स्ट्रीम जी-550 का इस्तेमाल किया गया, जिसकी कीमत करीब 9 लाख रुपये प्रति घंटा है।
किस विमान से वापस आया तहव्वुर हुसैन राणा?
इस चार्टर जेट को वियना स्थित एक एयरक्राफ्ट चार्टर सर्विस से किराए पर लिया गया था। यह विमान बुधवार सुबह 2:15 बजे मियामी से रवाना हुआ और उसी दिन शाम 7 बजे रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट पहुंचा। वहां करीब 11 घंटे का ब्रेक लेने के बाद इसने गुरुवार सुबह 6:15 बजे फिर से उड़ान भरी और शाम 6:22 बजे दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर उतरा। करीब 40 घंटे की उड़ान के बाद यह दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर उतरा। अनुमान है कि इस पूरी यात्रा पर करीब 4 करोड़ रुपये खर्च हुए, जबकि सामान्य परिस्थितियों में मियामी से दिल्ली तक का बिजनेस क्लास टिकट करीब 4 लाख रुपये का होता है। इस तरह भारत सरकार ने राणा को लाने में करीब 100 गुना ज्यादा पैसा खर्च किया।
लग्जरी होटल से भी ज्यादा शानदार है गल्फस्ट्रीम G550 विमान
2013 में बने गल्फस्ट्रीम G550 को अल्ट्रा लॉन्ग रेंज मिड साइज कैटेगरी में रखा गया है। इसकी सबसे खास बात इसका आलीशान इंटीरियर है। इस विमान में अधिकतम 19 यात्रियों के बैठने की क्षमता है। इसमें 9 दीवान सीटें हैं जो फ्लैट होकर सोने के लिए बिस्तर में बदल जाती हैं। इसमें 6 बेड भी हैं। इसके अलावा इस विमान में इन-फ्लाइट वायरलेस इंटरनेट, सैटेलाइट फोन और आधुनिक मनोरंजन प्रणाली है। इसकी अंडाकार खिड़कियां इसे एक अलग पहचान देती हैं और इसे वीआईपी विजिट के लिए पसंदीदा विकल्प माना जाता है।
क्यों ख़र्च हुई इतना रकम?
सवाल उठता है कि इतनी बड़ी रकम क्यों खर्च की गई? तो इसका जवाब सुरक्षा है। जानकारी के लिए बता दें कि, तहव्वुर राणा कोई छोटा-मोटा नहीं बल्कि एक हाई-प्रोफाइल आतंकीवादी है और उसके प्रत्यर्पण को देखते हुए अमेरिका और भारत दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियों इस बात का खास ख्याल रखा था की कोई भी लापरवाही ना हो। ऐसे केसेस में
चार्टर प्लेन को ही एकमात्र सुरक्षित विकल्प माना जाता है, ताकि किसी भी तरह की अप्रत्याशित घटना से बचा जा सके।
18 दिन की एनआईए रिमांड पर राणा
शाम करीब 6.15 बजे फ्लाइट जब दिल्ली पहुंची तो एनआईए की टीम ने सबसे पहले तहव्वुर राणा को गिरफ्तार कर उसकी मेडिकल जांच कराई। इसके बाद उसे सीधे कोर्ट ले जाया गया, जहां एनआईए की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन ने 20 दिन की हिरासत की मांग की। लंबी सुनवाई के बाद देर रात कोर्ट ने आरोपी की 18 दिन की हिरासत मंजूर कर ली। अब जांच एजेंसी राणा से 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले से जुड़े सभी सवाल पूछेगी।