तालिबान ने लड़कियों को उच्च शिक्षा लेने पर रोक लगा दी है इसके खिलाफ देश में कई जगह विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं तालिबान के कॉलेज जा रहे लड़कों ने अपनी क्लासों का भी बहिष्कार किया है तालिबान के शिक्षा मंत्री निदा मोहम्मद नदीम ने अफगानिस्तान के एक टीवी चैनल से इंटरव्यू में कहा है कि लड़कियों का पढ़ाई करना इस्लाम और अफगान मूल्यों के खिलाफ है।
20 साल पीछे हो गया तालिबान
तालिबान के इस फैसले ने अफगानिस्तान को करीब 20 साल पीछे कर दिया है तालिबान के इस फैसले की निंदा विश्व स्तर पर हो रही है मुस्लिम देश भी इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं शिक्षा मंत्री निदा मोहम्मद नदीम ने साफ कर दिया है कि तालिबान इस फैसले को वापस नहीं लेगा उन्होंने कहा कि भले ही एटम बम गिरा दो, लेकिन तालिबान इस फैसले को लागू करके रखेगा।
कौन है निदा मोहम्मद नदीम
निदा तालिबान के मिलिट्री का कमांडर भी रह चुका है उसकी पढ़ाई लिखाई ज्यादा नहीं हुई है 2001 में जब अमेरिका ने तालिबान को सत्ता से भगा दिया था और शिक्षा नीति में सुधार किए थे तो नदीम ने इसका खुलेआम विरोध किया था इसके बाद उसने कई मदरसे खोले थे इसके बाद वह तालिबान से जुड़ गया था नदीम को तालिबान के सुप्रीम लीडर हैबतुल्ला अखुंदजादा का खास माना जाता है पिछले साल जब तालिबान सत्ता में वापस लौटा तो नदीम को नंगरहार क्षेत्र का गवर्नर बनाया गया मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नांगरहार प्रांत का गवर्नर बनने के बाद नदीम ने तालिबान लड़ाकों को लोगों की हत्या करने का आदेश भी दिया था नदीम का आदेश था कि जो कोई भी तालिबान का विरोध करे, उसे मार डालो।
हाल ही में एक सभा में उन्होंने कहा था कि एक तालिबान लड़कों की योग्यता इससे नहीं मापी जानी चाहिए कि वो कितना पढ़ा-लिखा है, बल्कि इससे मापना चाहिए कि उसने कितने बम गिराए हैं।