India News, (इंडिया न्यूज), Tamil Nadu Flood: तमिलनाडु पर इस वक्त प्रकृति अपना कहर बरपा रही है। बीते रविवार से लगातार हुई भारी बारिश ने बाढ़ जैसे हालात ला दिए हैं। सड़कें गाड़ियां जलमग्न हो गईं। राहत कैंप में 75 हजार लोगों को भेजा गया है। जबकि 10 की मौत हो गई है। लोगों को बचाने के लिए आर्मी को उतारा गया है। भारी बारिश ने हालात खराब कर दिए हैं। कई लोगों तक 85 हजार फूड पैकेट्स बांटे गए। सूबे के मुख्य सचिव शिवदास मीना ने मंगलवार को खबर एजेंसी से कहा कि ”राज्य के दक्षिणी जिलों में बीते दो दिनों में इतिहास में सबसे ज्यादा बारिश हुई, जिससे 10 लोगों की मौत हुई है और आम जनजीवन प्रभावित हुआ है।”
वरिष्ठ नौकरशाह की मानें तो भारत मौसम विज्ञान विभाग का भारी बारिश का पूर्वानुमान ‘गलत’ था क्योंकि दो दिनों के भीतर प्रभावित जिलों में अत्यधिक भारी बारिश ने नाक में दम कर रखा है। उन्होंने सचिवालय में संवाददाताओं से कहा, ‘बारिश के कारण तिरुनेलवेली और तूतीकोरिन जिलों में 10 लोगों की मौत हो गई है. कुछ की जान दीवार गिरने के कारण गई. वहीं कुछ की मौत करंट लगने से हुई।”
30 घंटों में 1,186 मिमी बारिश
दक्षिणी जिलों खासकर तिरुनेलवेली और तूतीकोरिन में रिकॉर्डतोड़ बारिश हुई। जिसके कारण बाढ़ आई गई है। खबर है कि ’30 घंटों के भीतर कयालपट्टिनम में 1,186 मिमी बारिश हुई, जबकि तिरुचेंदूर में 921 मिमी बारिश हुई।” भारी बारिश के कारण तिरुनेलवेली में एक पुल ढह गया है।
सचिव की मानें तो ”नौसेना, वायु सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल सहित केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसियों के लगभग 1,343 कर्मी बचाव और राहत अभियान में शामिल हैं। मीना ने कहा, ‘अब तक हमने 160 राहत शिविर स्थापित किए हैं और इन राहत शिविरों में लगभग 17,000 लोगों को रखा गया है। लोगों को लगभग 34,000 भोजन के पैकेट वितरित किए गए हैं और अब भी, हम कुछ गांवों तक नहीं पहुंच सके हैं क्योंकि जल स्तर अभी कम नहीं हुआ है।’
राहत कार्य में नौ हेलीकॉप्टर तैनात
सचिव ने कहा कि ”राहत कार्य में नौ हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं और उनके जरिए फंसे हुए लोगों तक 13,500 किलोग्राम खाद्य सामग्री पहुंचाई गई है। राहत कार्य में नौ हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं और उनके जरिए फंसे हुए लोगों तक 13,500 किलोग्राम खाद्य सामग्री पहुंचाई गई है। इन क्षेत्रों में फंसे लोगों तक हेलिकॉप्टर की मदद से भोजन के पैकेट पहुंचाए जा रहे हैं। लोगों के लिए भोजन, दूध, पेयजल एवं मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित की गई हैं।”
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