नई दिल्ली: भारत सरकार भी अब लैपटॉप, मोबाईल और टैबलेट के लिए एक ही प्रकार के चार्जर ‘टाइप सी’ को जरुरी करने की तैयारी कर रही है। भारतीय मानक ब्योरो (BIS) ने टाइप सी चार्जर के लिए क्वालिटी स्टैंडर्ड जारी किए है। इसके अलावा वियरेबल डिवाइसेस के लिए भी कॉमन चार्जर लाने की बात कही गयी है।

क्या है पूरी खबर ?

भारत में तेजी से बढ़ रहे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस के मद्देनजर भारत सरकार ने अब लैपटॉप, मोबाईल और टैबलेट के लिए टाइप सी चार्जर को जरुरी करने जा रही है। दरअसल देश में इस वक्त जितने भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस बिकते है, कंपनी उसमें अपने अनुसार का चार्जिंग पिन देती है, जिससे ग्राहक को अपने डिवाइसेस को चार्ज करने के लिए अलग अलग चार्जर रखना पड़ता है। अब सरकार इसी अलग-अलग चार्जर के सिस्टम को खत्म करने जा रही है। इससे ग्राहकों को एक ही चार्जर, टाइप सी, से अपने डिवाइसेस को चार्ज करने में सहुलियत होगी और झंझट खत्म होगी। साथ ही साथ वियरेबल डिवाइसेस जैसे ईयरफोन, स्मार्टवाच, हेडफोन जैसे उपकरणों के लिए भी एक सामान तरीका का चार्जिंग पिन लाने की योजना है।

आखिर सरकार ऐसा कर क्यों रही है ?

दरअसल दुनिया में बढ़ रहे इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट (ई-वेस्ट) डीजिटल युग में एक बड़ी समस्या बनकर उभरी है। इलेक्ट्रानिक वेस्ट उस वेस्ट को कहते है जो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस से होता है। सरल भाषा में कहें तो वह डिवाइसेस जिसे हम एक समय के बाद उपयोग  करना बंद कर देते है। सामान्य से दिखने वाली इस समस्या से पूरा विश्व चिंतीत है, क्योंकी बढ़ती आबादी के साथ-साथ हमारी जरुरते भी बढ़ रही है। भारत इस वक्त दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी है, अगर भारत इसपर काबू पा लेगा तो ई-वेस्ट को कंट्रोल करने में विश्व को बड़ी कामयाबी मिलेगी। सरकार इसी इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट को कम करने का प्रयास कर रही है। आपको बता दें की यूरोपीय संघ इस टाइप सी चार्जिंग पोर्ट को लागू कर चुका है। साल 2024 तक वहां हर डिवाइस में टाइप सी पिन का ही चार्जर होगा।