India News (इंडिया न्यूज), Tejashwi Yadav On Delhi Election: देश की राजधानी दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान और 8 फरवरी को नतीजे घोषित होने हैं। ऐसे में देश की बड़ी-बड़ी पार्टियां दिल्ली चुनाव की तैयारियों में जुटी हैं। इस बीच लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की तरफ से तेजस्वी यादव ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिसकी वजह से पार्टी के नेताओं के मुंह लटक गए हैं और चुनावी मैदान में बड़ी हलचल मच गई है। बताया ये भी जा रहा है कि इस तगड़े फैसले के पीछे राहुल गांधी (Rahul Gandhi) हो सकते हैं। हालांकि, दिल्ली चुनावों में राष्ट्रीय जनता दल का इतिहास भी कहीं न कहीं जिम्मेदार है।

क्या है Tejashwi Yadav का फैसला?

दरअसल, दिल्ली विधानसभा चुनावों के इतिहास में पहली बार राष्ट्रीय जनता दल चुनाव नहीं लड़ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये तगड़ा फैसला तेजस्वी यादव ने लिया है। RJD नेताओं को चुनाव से पहले ही निराशा का सामना करना पड़ा और इस बार उन्हें चुनाव लड़ने का मौका तक नहीं मिलेगा। पहले माना जा रहा था कि RJD और कांग्रेस मिलकर अपने उम्मीदवार उतारेंगी और दोनों पार्टियां साथ चुनाव लड़ेंगी। हालांकि, सीटों पर समझौता नहीं हो सका और आखिर में राहुल गांधी ने दिल्ली में 70 सीटों पर अकेले ही कांग्रेस के उम्मीदवार उतारे।

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क्या है इसके पीछे की वजह?

इस मामले पर तेजस्वी ने अभी तक सिर्फ इतना ही कहा है कि ‘दिल्ली में क्या होने वाला है, ये दिल्लीवाले ही जानें…यहां तो समझौता है’। बता दें कि इसके पीछे कहीं नहीं दिल्ली में RJD की असफलता का इतिहास भी हो सकता है। कई बार चुनाव में खड़ी हुई तेजस्वी की पार्टी को अभी तक एक बार भी जीत हासिल नहीं हुई है। तेजस्वी के पीछे हटने की वजह इंडिया गठबंधन की आंतरिक कलह भी हो सकती है क्योंकि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच पहले ही लड़ाई चल रही है।

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