India News (इंडिया न्यूज़), South China Sea Tension: दक्षिण चीन सागर के विवादास्पद जल क्षेत्र में शनिवार (6 अप्रैल) को एक घटना को लेकर मनीला और बीजिंग के बीच विवाद हो गया। जिस के बाद एक महत्वपूर्ण समुद्री क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया। इस बीच फिलीपींस ने दो चीनी तट रक्षक जहाजों पर फिलीपींस के विशेष आर्थिक क्षेत्र के भीतर फिलिपिनो मछली पकड़ने वाले जहाजों को परेशान करने का आरोप लगाया। वहीं चीन ने कथित अवैध गतिविधियों की प्रतिक्रिया के रूप में अपने कार्यों का बचाव किया। दरअसल, लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर चीन अपना दावा करता है।
वैश्विक व्यापार के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र
बता दें कि, दक्षिण चीन सागर से हर साल समुद्री व्यापार में 3 ट्रिलियन डॉलर से अधिक के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग है। इसमें फिलीपींस, वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया और ब्रुनेई जैसे देशों के अतिव्यापी दावे शामिल हैं। स्थायी मध्यस्थता न्यायालय ने साल 2016 में फैसला सुनाया कि चीन के दावों में कानूनी आधार का अभाव है। दरअसल, फिलीपींस और चीन फिलीपीन जल क्षेत्र के भीतर स्थित निर्जन सेकेंड थॉमस शोल के पास युद्धाभ्यास में लगे हुए हैं।जहां मनीला के समुद्री हितों की रक्षा के लिए फिलिपिनो सैनिक एक ग्राउंडेड युद्धपोत पर रहते हैं।
फिलीपींस-चीन में बढ़ा तनाव
दरअसल, चीनी तट रक्षक के मुताबिक फिलीपींस के जहाजों ने बीजिंग की संप्रभुता के तहत आने वाले क्षेत्र, नानशा द्वीप समूह में एक चट्टान के पास अवैध रूप से पानी में प्रवेश किया। वहीं फिलीपींस तट रक्षक के प्रवक्ता जे तारिएला ने कहा कि चीनी जहाजों ने पानी की बौछारों का अनुकरण किया और इरोक्वाइस चट्टान पर फिलिपिनो मछुआरों को धमकी दी। इसके जवाब में, चीनी तट रक्षक प्रवक्ता गन यू ने अपने ऑपरेशन को पेशेवर और मानकों के अनुरूप बताया।साथ ही फिलीपींस के जहाजों पर मछली पकड़ने की सुरक्षा की आड़ में दक्षिण चीन सागर को अस्थिर करने का आरोप लगाया।