Terrorists are threat For Valley
इंडिया न्यूज, जम्मू:

धारा 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर में पाक प्रायोजित आतंकी संगठन घाटी को दहलाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं। 2019 में जब आर्टिकल 370 को हटाया गया था तब करीब 5 हजार प्रदर्शनकारी लोगों को हिरासत में लिया गया वहीं करीब 300 लोगों पर पीएसए लगाकर दूसरे राज्यों की जेलों में भेज दिया गया था। उस समय सेना ने आतंक का फन कुचलने के लिए आॅपरेशन आॅल आउट शुरू किया जो आज भी जारी है।

हालांकि पहले के मुकाबले आतंकी घटनाओं में कमी देखने को मिल रही है। लेकिन जेलों में कैद आतंकी अपने मंसूबों को अंजाम देने के लिए पिछले कुछ समय से नेटवर्क के माध्यम से आतंकी वारदातों को बढ़ावा देने में जुटे हैं। आतंकियों के मददगार व आतंकी घटनाओं में शामिल दहशतगर्दों को यहां से दूसरे राज्यों की जेलों में भेजने के लिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने राज्य के नागरिक सुरक्षा अधिनियम 1978 की धारा 10 बी का हवाला देते हुए 38 खूंखार आतंकियों को शिफ्ट करने के आदेश जारी कर दिए थे।

इस बारे में केंद्रीय कारागार के वरिष्ठ अधिकारी बीके सिंह ने बताया कि इनमें 38 कैदी यहां से आगरा शिफ्ट किए गए हैं। जिसमें 27 कैदी कश्मीर और 11 जम्मू की जेलों में बंद थे। उन्होंने कहा कि यह शिफ्टिंग पहली बार नहीं की जा रही पांच दिन पहले भी 56 आतंकवादियों को दूसरी जेलों में भेजा जा चुका है।

आतंकियों को क्यों कश्मीर से बाहर किया जा रहा शिफ्ट

पिछले कुछ समय से बेशक जम्मू में अमन शांति कायम है लेकिन कश्मीर की वादियों में आतंकी वारदातों में बढ़ौतरी देखने में आई है। जानकारों का मानना है कि जेल में बंद आतंकी सलाखों के पीछे से स्लीपर के जरिए अपने मंसूबे कामयाब करने की कोशिशें करते हैं। इसी नेटवर्क को तोड़ने के लिए इन्हें यहां से दूसरे राज्यों की सेंट्रल जेलों में शिफ्ट किया जा रहा है।

इससे पहले भी मध्य अगस्त में अलगाववादी नेता को तिहाड़ जेल में शिफ्ट किया जा चुका है वहीं करीब 70 आतंकियों आगरा की जेल भेजा गया था। सूत्रों का कहना है कि करीब 100 आतंकियों की सूची बनाई जा रही है। जिन्हें यहां से दूसरे राज्यों की जेलों में शिफ्ट किए जाने की योजना बन रही है। इनमें से ए कैटेगरी के 30 आतंकी और 70 आतंकी बी कैटेगरी के हैं।

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