India News (इंडिया न्यूज), Flagship Scheme Announced: पहली, स्कीम में एंट्री के लिए 23 अक्टूबर को रजिस्ट्रेशन खोले जाने के बाद से उम्मीदवारों का जबर्दस्त रेस्पांस मिला है। दूसरे, संसदीय समिति की समीक्षा में स्कीम को हरी झंडी मिली है। इन दोनों ही इम्तिहान में पास होने के बावजूद कुछ खामियां उजागर हो रही हैं जिन्हें दूर करने के संकेत सरकार ने दिए हैं।
पहले चरण में 500 कंपनियों ने 127046 इंटर्नशिप आफर की। संसदीय समिति की पडताल से यह बात उभर कर सामने आई है कि योजना में हिस्सेदारी के लिए देश के दूरदराज के इलाकों से तब तक उम्मीदवार आकर्षित करना संभव नहीं है जब तक उनके लिए गुजरबशर का पर्याप्त सहारा न हो। दूसरे इस स्कीम को टॉप 500 कंपनियों तक सीमित रखने के बजाए इसमें एसएमई, स्टार्टअप्स और क्षेत्रीय कंपनियों को शामिल करना होगा ताकि सेक्टोरल और भौगोलिक प्रतिनिधित्व बनाए रखा जा सके।
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संसदीय ने एक बडी सिफारिश स्कीम की पात्रता के बारे में की है। योजना में अनुसार अगर किसी परिवार का सदस्य 8 लाख रु से अधिक सालाना आमदनी वाला है तो वह इंटर्नशिप में हिस्सा नहीं ले सकता। यदि परिवार से कोई नियमित सरकारी कर्मचारी है तो ऐसी स्थिति में भी दरवाजे बंद हैं। समिति का कहना है कि ऐसे अनेक सरकारी कर्मचारी हैं जिनकी सालाना आय 8 लाख रू से कम है। ऐसे में उन सभी परिवारों को बाहर कर देना जायज नहीं है जिनका कोई मेंबर सरकारी नौकरी में है। स्कीम की शर्त सिर्फ यही होनी चाहिए कि 8 लाख रू सालाना आमदनी वाले परिवार को योजना के दायरे में नहीं लिया जाएगा।
बता दें कि पिछले बजट में घोषित इस स्कीम के तहत पांच साल में एक करोड युवाओं को इंटर्नशिप देने का लक्ष्य है। इस पर 63 हजार करोड रू खर्च आने का अनुमान है। योजना के लिए 2000 करोड रू का शुरूआती आवंटन किया गया और संशोधित अनुमान में 2024-25 के लिए 380 करोड रू की व्यवस्था की गई।