India News (इंडिया न्यूज), Captain Brijesh Thapa: जम्मू-कश्मीर के डोडा में आतंकी और सेना के बीच जोरदार मुठभेड़ में कैप्टन बृजेश थापा शहीद हो गए। जानकारी के लिए आपको बता दें कि शहीद हुए कैप्टन बृजेश थापा का दार्जिलिंग में अंतिम संस्कार किया गया है। हर मां की तरह शहीद की मां का भी अपने बेटे को आखीरी विदाई देते वक्त कलेज फट रहा था। शहीद के माता पिता का एक एक वीडियो सामने आया है जिसको देख कर हर किसी की आंखें नम हो गई। अपने जवान बेटे को को देना एक मां-बाप के लिए किसी बड़े सदमें से कम नहीं।
- कैप्टन बृजेश थापा शहीद
- ताबूत के बेटे का सिर समझ शहीद को सहलाती रही माता पिता
- मुझे गर्व है- शहीद के पिता
ताबूत के बेटे का सिर समझ शहीद को सहलाते माता -पिता
शहीद के मां बाप आखिरी विदाई में ताबूत को ऐसे सहलाते हुए नजर आए जैसे कि वो अपने हीरे के सिर को सहला रहे हो। शहीद के हथेलियों से छूकर पुचकारते हुए नजर आएं। एक मां के लिए उसकी दुनिया उसके सामने खत्म हो रही थी फिर भी वो मजबूती के साथ अपने बेटे को अलविदा कहती हुई नजर आईं। आखिरी वक्त में आंसुओं के साथ बेटे को विदाई नहीं देना चाहते थे तभी तो माता पिता अपने आंसुओ को कपड़े के एक टुकड़े में छुपा रहे थे। 19 अगस्त को राखी। जिस बहन को उम्मीद थी कि राखी पर इसका भाई उसके लिए तोहफे लेकर आएगा। उस बहन की उम्मीद और खुशी भी खत्म हो गई। सोचा नहीं होगा कि उसका भाई खुद तिरंगे में लिपट कर आएगा। एक दिन उसे इसको लिए अपनी मां और पिता को हौसले को बढ़ाना होगा।
मुझे गर्व है- शहीद के पिता
सिलीगुड़ी, पश्चिम बंगाल: जम्मू-कश्मीर के डोडा में मुठभेड़ में शहीद हुए कैप्टन बृजेश थापा के पिता कर्नल भुवनेश थापा (सेवानिवृत्त) कहते हैं, “…मेरा बेटा हमेशा भारतीय सेना में जाना चाहता था…उसने अपने पहले प्रयास में ही सेना की सभी परीक्षाएं पास कर लीं…मुझे गर्व है कि उसने देश के लिए अपनी जान दे दी…हमें जीवन भर उसकी कमी खलेगी…”
वह बहुत सभ्य थे- शहीद की मां
मुठभेड़ में शहीद हुए कैप्टन बृजेश थापा की मां नीलिमा थापा ने कहा, “…वह बहुत सभ्य थे। वह हमेशा भारतीय सेना में शामिल होना चाहते थे…मुझे बहुत गर्व है कि उन्होंने देश के लिए अपना बलिदान दिया…सरकार सख्त कार्रवाई करेगी…”
2019 में कमीशंड हुए थे बृजेश थापा
जानकारी के लिए आपको बता दें कि बृजेश थापा अपनी ट्रेनिंग पूरी करने के बाद साल 2019 में आर्मी में कमीशंड किए गए थे। इसके बाद दो साल के लिए उन्हें 10 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात किया गया था। अपने परिवार में तीसरी पीढ़ी के सैन्य अधिकारी कैप्टन थापा 27 वर्ष के थे और पांच साल पहले ही भारतीय सेना में शामिल हुए थे। मृतक अधिकारी की मां नीलिमा ने बताया कि वह सेना की 145 एयर डिफेंस रेजिमेंट से थे और 10 राष्ट्रीय राइफल्स में प्रतिनियुक्ति पर थे।
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