India News (इंडिया न्यूज़), Food Inflation: पूरी दुनिया में इस समय खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है। ग्लोबल फूड प्राइसेज में मार्च महीने में इजाफा देखने को मिला है। वहीं, पिछले साल जुलाई 2023 के बाद ये पहला मौका है जब वैश्विक स्तर पर खाद्य वस्तुओं की कीमतों में उछाल देखा गया है। संयुक्त राष्ट्र की फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक, अनाजों की कीमतों में कमी के बावजूद खाने के तेल के दामों में उछाल के चलते वैश्विक खाद्य वस्तुओं की कीमतें बढ़ी है। दरअसल, फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन का फूड प्राइस इंडेक्स पिछले महीने के मुकाबले बढ़कर 1.1 प्रतिशत पर जा पहुंचा है और मार्च 2024 में ये आकड़ा 118.3 प्वाइंट पर रहा है।

खाने के तेल की कीमत बनी वजह

बता दें कि, खाने के तेल का सब-इंडेक्स पिछले महीने के मुकाबले 8 प्रतिशत उछाल के साथ एक साल के हाई पर जा पहुंचा है। फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन के अनुसार पाम, सोया, सनफ्लावर और रेपसीड ऑयल के दामों में तेजी देखी जा रही है। पाम उत्पादन करने वाले देशों में सीजन के दौरान आउटपुट में कमी आने के चलते पाम आयल के दामों में उछाल देखा जा रहा है। इसके साथ ही पाम आयल के दक्षिणपूर्व एशियाई देशों में भारी मांग के चलते भी दामों में उछाल देखने को मिल रही है।

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वैश्विक जंगो का दिख रहा असर

दरअसल, बायोफ्यूल सेक्टर की तरफा भारी मांग के चलते सोया ऑयल की कीमतों में तेजी देखी जा रही है। वहीं, मार्च महीने में डेयरी प्राइसेज 2.9 फीसदी बढ़ी है तो मीट प्राइसेज 1.7 फीसदी बढ़ी है। इससे पहले यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद खाद्य वस्तुओं की कीमतें रिकॉर्ड हाई पर जा पहुंचा था। परंतु, उसके बाद कीमतें कम हुई। भारत में आरबीआई गवर्नर ने मॉनिटरी पॉलिसी एलान करते हुए कहा कि खाद्य वस्तुओं की कीमतों को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है जिससे महंगाई को लेकर दबाव बना रह सकता है। आरबीआई गवर्नर के मुताबिक, दालों की डिमांड सप्लाई के सख्त बने रहने के साथ कुछ सब्जियों की कीमतों पर नजर बनाए रखना जरूरी है।

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