India News (इंडिया न्यूज),CM Yogi:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछली सरकारों के शासनकाल में प्रयागराज के पौराणिक स्थलों अक्षय वट, माता सरस्वती कूप, पातालपुरी, श्रृंगवेरपुर, द्वादश माधव और भगवान बेनी माधव पर भू-माफियाओं ने अवैध कब्जा कर लिया था, जिससे उनकी गरिमा को गहरी ठेस पहुंची है। इस बार मथुरा वृंदावन की बारी है। इसके लिए सरकार ने बजट भी दिया है, अब वहां विकास कार्य कराए जाएंगे। अवसर मिलने पर उसे गंवाना नहीं चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सनातन धर्म सभी संप्रदायों का सम्मान करता है। उन्होंने अपने भगवा वस्त्र पर गर्व जताते हुए कहा कि मेरे बारे में कोई कुछ भी कहे, मेरी पहचान यही है। एक दिन पूरी दुनिया भगवा धारण करेगी।

जनता सब जानती है-सीएम योगी

उन्होंने भारत के लोकतंत्र को परिपक्व बताते हुए कहा कि जनता सब जानती है और सही-गलत का फैसला करती है। योगी ने कहा कि महाकुंभ के दौरान इन स्थलों को माफिया मुक्त कर इनके कायाकल्प का मार्ग प्रशस्त किया गया, जिससे अब यहां पूरे साल श्रद्धालु आ सकेंगे। महाकुंभ के आयोजन ने दुनिया को भारत की ताकत और सनातन धर्म के वास्तविक स्वरूप से परिचित कराया, साथ ही उत्तर प्रदेश की नकारात्मक छवि को भी बदला। एक दिन पूरी दुनिया भगवा धारण करेगी।

मुख्यमंत्री बुधवार को लखनऊ के एक होटल में आरएसएस के कार्यक्रम ‘मंथन: कुंभ और उससे आगे’ विचार संगम में सवालों का जवाब दे रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि महर्षि भारद्वाज की नगरी प्रयागराज, जो दुनिया के पहले गुरुकुल की भूमि है, पिछली सरकारों के दौर में माफियाओं के हाथों में थी। गुलामी के दौर में अक्षय वट को कैद कर उसे नष्ट करने का प्रयास किया गया, जिससे 500 साल तक श्रद्धालु दर्शन से वंचित रहे। माता सरस्वती कूप और पातालपुरी जैसे स्थान उपेक्षित रहे, जबकि भगवान राम और निषादराज की मैत्री स्थली श्रृंगवेरपुर पर भूमि जिहाद के जरिए कब्जा कर लिया गया। द्वादश माधव और नागवासुकी जैसे पवित्र स्थल भी अवैध अतिक्रमण की चपेट में थे। महाकुंभ के दौरान वहां नए गलियारे बनाकर इन स्थलों को मुक्त कराया गया, जो हमारी पौराणिक परंपरा के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है।

महाकुंभ को लेकर कही ये बात

मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ के आयोजन ने न केवल दुनिया को भारत की ताकत और सनातन धर्म के वास्तविक स्वरूप से परिचित कराया, बल्कि उत्तर प्रदेश के बारे में नकारात्मक धारणा को भी बदला। दावा किया कि महाकुंभ के माध्यम से दोनों लक्ष्य सफलतापूर्वक प्राप्त किए गए हैं। महाकुंभ ने सनातन धर्म के वास्तविक और व्यापक स्वरूप को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि हर जाति, पंथ और क्षेत्र के श्रद्धालुओं ने एक साथ त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई, जो ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना को दर्शाता है।

सनातन धर्म में भेदभाव के लिए कोई स्थान नहीं है-सीएम योगी

योगी ने कहा, दुनिया ने इसे आश्चर्य और जिज्ञासा से देखा। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में भेदभाव के लिए कोई स्थान नहीं है। यह आयोजन इसी की एक झलक है। उन्होंने इसे उत्तर प्रदेश के लिए वैश्विक मंच पर अपनी सकारात्मक छवि प्रस्तुत करने का अनूठा अवसर बताया। उन्होंने कहा कि 45 दिनों तक चले इस आयोजन में 66 करोड़ 30 लाख श्रद्धालुओं ने स्नान किया, जिसे योगी ने दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक, धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन बताया। विपक्ष से सकारात्मकता की उम्मीद करना बेकार विपक्ष पर तीखा हमला करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नकारात्मक सोच रखने वालों से सकारात्मकता की उम्मीद करना बेकार है। उन्होंने स्वतंत्र भारत के पहले कुंभ (1954) से लेकर 1974, 1986, 2007 और 2013 तक कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) के शासनकाल में हुई अराजकता का जिक्र किया। 1954 में एक हजार से ज्यादा मौतें, प्राकृतिक आपदा 2007 में जान-माल का नुकसान हुआ और 2013 में मॉरीशस के तत्कालीन प्रधानमंत्री संगम की गंदगी देखकर आंसू बहाए थे।

योगी ने कहा कि पिछली सरकारों ने कुंभ को अव्यवस्था और गंदगी का अड्डा बना दिया था। आज वही लोग हमारे स्वच्छ महाकुंभ पर सवाल उठा रहे हैं। उनकी नकारात्मकता ने उन्हें जनता की नजरों से गिरा दिया है। विपक्ष हर अच्छे काम का विरोध करना अपनी ताकत समझता है, लेकिन जनता ने महाकुंभ में पहुंचकर उन्हें सबक सिखाया।

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