इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
देश में इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण कार्तिक पूर्णिमा (19 नवंबर) को लगने जा रहा है। यह ग्रहण सदी का अभी तक का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण होगा जो कि छह घंटे का होगा। इसके ठीक पंद्रह दिन बाद सूर्यग्रहण लगेगा। यह ग्रहण कुछ राशियों के लिए शुभ संकेत लेकर आ रहा है तो कुछ राशियों के लिए यह अशुभ होने वाला बताया जा रहा है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह ग्रहण आंशिक होगा। 19 नवंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण दिन के समय में लगने वाला है। इसका समय सुबह 11:34 मिनट पर शुरू होगा और शाम 05:33 तक रहेगा। यह विशेष तौर पर बिहार में असर दिखाने वाला ग्रहण साबित होगा। वहीं देश के विभिन्न हिस्सों में देखा जा सकता है। ज्योतिष गणना के मुताबिक यह चंद्र ग्रहण कृतिका नक्षत्र में होगा और वृषभ राशि में लगने वाला है।
इसलिए इस दिन वृषभ राशि और कृतिका नक्षत्र में जन्म लेने वालों को खास सावधानी बरतनी होगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य देव को कृतिका नक्षत्र का स्वामी कहा गया है। इन्हें सभी ग्रहों का अधिपति भी माना गया है। इसलिए सूर्य से संबंधित राशि वाले जातकों को भी चंद्र ग्रहण के समय विशेष सतर्कता बरतनी होगी।
ज्योतिषी के अनुसार एक माह तक रहेगा चांद ग्रहण का असर
इस सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण का असर भी अधिक समय तक दिखने वाला बताया जा रहा है। इस ग्रहण का असर अलग-अलग राशियों पर एक महीने तक बना रहेगा। ग्रहण का असर कम करने के लिए भगवान की स्तुति, माता-पिता की सेवा, दान-पुण्य, सहित गोसेवा भी करनी चाहिए यही नहीं बुरे कर्मों को करने से भी बचकर रहना चाहिए। वृषभ और सिंह राशि वालों को विशेष तौर पर सावधानी बरतते हुए अपने कार्य करने चाहिए।
उप छाया ग्रहण का सूतक नहीं लगता
ज्योतिष के अनुसार उपछाया ग्रहण का सूतक नहीं लगता है। ऐसे में आप चंद्र ग्रहण के दौरान भी अपने कार्यों को आम दिनों की तरह कर सकते हैं। ऐसे में कामकाजी व्यक्तियों को घबराने की जरूरत नहीं है। हालांकि बस थोड़ा एहतियात रखना अनिवार्य होगा। जानकारी के लिए बता दें कि दिसंबर माह में पूर्ण सूर्यग्रहण भी लगने जा रहा है। लेकिन यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, ऐसे ज्योतिषी बता रहे हैं।
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