Nasal Vaccine Side Effects: भारत में कोरोना के खिलाफ वैक्‍सीनेशन अभियान को और मजबूती देते हुए भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की पहली नेजल वैक्‍सीन इनकोवैक को मंजूदी दे दी गई है। बता दें कि ये वैक्‍सीन लोगों को नाक के द्वारा दी जाएगी। नाक के दोनों छिद्रों में एक-एक बूंद डालने के बाद ये वैक्‍सीन कुछ समय में अपना काम शुरू कर देगी और कोरोना वायरस को अंदर प्रवेश करने से रोक देगी।

अन्‍य वैक्‍सीनों के मुकाबले काफी बेहतर वैक्‍सीन

विशेषज्ञों की मानें तो इस वैक्‍सीन को एक्टिव होकर वायरस का मुकाबला शुरू करने में अनुमानित दो हफ्ते का समय लगेगा। हालांकि ये अन्‍य वैक्‍सीनों के मुकाबले काफी बेहतर बताई जा रही है। इस वैक्‍सीन के सामने आने के बाद दर्दरहित कोरोना टीकाकरण का रास्‍ता साफ हो गया है। हालांकि, जिस तरह से कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहीं परंपरागत वैक्‍सीन कोवैक्‍सीन, कोविशील्‍ड, स्‍पूतनिक आदि के भी साइड इफैक्‍ट देखे गए हैं, ऐसे में संभव है कि नाक में सीधे छिड़की जाने वाली इस वैक्‍सीन के भी कुछ साइड इफैक्‍ट हो सकते हैं।

नाक के म्यूकोसा में मौजूद इम्यून सिस्टम को मजबूत करने वाली ये वैक्‍सीन के बारे में एनटीएजीआई के एक वरिष्‍ठ अधिकारी की तरफ से बताया गया कि इस वैक्‍सीन के परीक्षणों का परिणाम काफी बेहतर आया है। ये पूरी तरह सुरक्षित और इम्‍यूनोजेनिक है। हालांकि अन्‍य वैक्‍सीन या दवाओं की तरह इसके बेहद हल्‍के साइड इफैक्‍ट हो सकते हैं।

हो सकते हैं ये साइड इफैक्ट्स

बताया गया कि इस वैक्सीन को लेने के बाद हल्‍का बुखार, वैक्‍सीन के छिड़काव से छींकें आना, अचानक नाक बहना या सिरदर्द होने जैसी समस्‍याएं हो सकती हैं। हालांकि, ये ज्‍यादा समय तक नहीं होगा। इसे लेकर भारत बॉयोटेक की तरफ से भी सलाह दी गई है कि जिन लोगों को पहले किसी भी तरह के टीके लगने पर स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी दिक्‍कतें हुई हैं, वो नेजल वैक्‍सीन लेने से पहले अपने डॉक्‍टर से संपर्क भी कर सकते हैं।