India News(इंडिया न्यूज), RG Kar Case: कोलकाता डॉक्टर रेप मर्डर केस के दोषी संजय रॉय ने सोमवार (20 जनवरी, 2025) को अदालत के समक्ष अपनी बेगुनाही का दावा किया, जब न्यायाधीश ने पूछा कि क्या उसे सजा के बारे में कुछ कहना है। हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को सीबीआई अदालत ने शनिवार (18 जनवरी) को 9 अगस्त, 2024 को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में दोषी ठहराया।
रॉय ने अदालत में क्या कहा?
रॉय ने अदालत में कहा कि, “मुझे बिना किसी कारण के फंसाया गया है। मैंने आपको पहले ही बताया था कि मैं हमेशा रुद्राक्ष की माला पहनता हूं। अगर मैंने अपराध किया होता, तो यह अपराध स्थल पर टूट जाती। मुझे बोलने नहीं दिया गया। उन्होंने मुझे कई कागजों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया। मुझे बोलने का मौका नहीं दिया गया। आपने यह सब देखा है, सर। मैंने आपको पहले भी बताया था।”
न्यायाधीश ने कही ये बात
रॉय के बयानों का जवाब देते हुए न्यायाधीश ने कहा, “मैंने आपको मुझसे बात करने के लिए लगभग आधा दिन दिया था। मैंने आपकी तीन घंटे तक बात सुनी। मेरे सामने पेश किए गए सभी आरोपों, सबूतों, दस्तावेजों और गवाहों की जांच की गई है और इनके आधार पर मैंने आपको दोषी पाया है। आप पहले ही दोषी साबित हो चुके हैं। अब, मैं सिर्फ सजा के बारे में आपके विचार जानना चाहता हूं। आपके परिवार में कौन-कौन है? क्या वे आपसे संपर्क में रहते हैं?” अपने परिवार के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए संजय रॉय ने कहा, “नहीं, सर। मैं जेल में हूँ। वे कभी मुझसे मिलने नहीं आते।”
सीबीआई के वकील ने मौत की सजा की मांग की
सीबीआई के वकील ने इसे दुर्लभतम मामला बताते हुए दोषी के लिए मौत की सजा की मांग की। “यह एक दुर्लभतम मामला है। पीड़िता एक मेधावी छात्रा थी और समाज के लिए बहुमूल्य थी। इस घटना ने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है। माता-पिता ने अपनी बेटी खो दी है। अगर डॉक्टर भी सुरक्षित नहीं हैं, तो क्या कहा जा सकता है? केवल मृत्युदंड ही समाज में विश्वास बहाल कर सकता है। हमें न्याय प्रणाली में समाज का विश्वास बहाल करना चाहिए।
न्यायाधीश करेंगे सजा की घोषणा
जानकारी के अनुसार, न्यायाधीश अनिरबन दास दोपहर 2:45 बजे सजा की अवधि की घोषणा करेंगे। सीबीआई अदालत ने संजय रॉय पर धारा 64 (बलात्कार), धारा 66 (मृत्यु का कारण बनने की सजा) और धारा 103 (हत्या) के तहत आरोप लगाए हैं। इन धाराओं के तहत न्यूनतम सजा में कम से कम 10 साल की कठोर कारावास की सजा शामिल है, जिसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है, जबकि अधिकतम सजा मृत्युदंड है।
क्या है पूरा मामला?
ट्रेनी महिला डॉक्टर का शव 9 अगस्त, 2024 को तड़के अस्पताल के एक सेमिनार हॉल में मिला था। कथित तौर पर बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। अपराध के सिलसिले में अगले दिन एक नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया था। कोलकाता पुलिस ने पीड़िता के शव के पास मिले ब्लूटूथ ईयरफोन के जरिए संजय रॉय की पहचान की। रॉय को सीसीटीवी फुटेज में अपने गले में डिवाइस लटकाए सेमिनार हॉल में प्रवेश करते देखा गया था। इस घटना के कारण देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए और हजारों लोगों ने आक्रोश जताया।