India News (इंडिया न्यूज), ISI Terrorist Infiltration : पहलगाम की तरह एक बार फिर कश्मीर घाटी में खून-खराबा करने की साजिश रची जा रही है और इस बार आईएसआई ने हथियारों की जगह ड्रोन को चुना है। खुफिया एजेंसियों को मिली एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने 14 मई को पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में एक सीक्रेट मीटिंग की थी।
इसमें लश्कर-ए-तैयबा समेत कई आतंकी संगठनों के ट्रेनिंग कमांडर और गाइड शामिल हुए थे। इस मीटिंग में कश्मीर घाटी में फिर से आतंकी हमले करने की योजना बनाई गई थी। इसके लिए सीमा पार से ड्रोन की मदद से भारतीय सेना की मूवमेंट पर नजर रखने और एलओसी के कमजोर इलाकों से घुसपैठ कराने का हाईटेक प्लान सामने आया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आईएसआई अब आतंकियों की घुसपैठ से पहले ड्रोन के जरिए भारतीय चौकियों और गश्ती मार्गों पर वास्तविक समय में नजर रखेगी। ये ड्रोन सेना की तैनाती के सटीक विवरण पर नजर रखेंगे। गश्त का समय और स्थान पहचाना जाएगा। भौगोलिक स्थिति का पता लगाया जाएगा ताकि घुसपैठ ऐसी जगह से हो जहां पकड़े जाने का खतरा कम हो।
ISI का लॉन्चिंग पैड्स को लेकर नया प्लान
रिपोर्ट्स में जो दूसरी बातें सामने आई हैं, उनके मुताबिक पीओके में मौजूद आतंकी लॉन्चिंग पैड्स को नई जगहों पर शिफ्ट करके उन्हें अंडरग्राउंड बंकरों में तब्दील किया जाएगा। इससे वे भारतीय हमलों की सीधी रेंज से बाहर रहेंगे। आईएसआई ने सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोगों को हथियार और बुनियादी सैन्य प्रशिक्षण देने के निर्देश भी जारी किए हैं, ताकि वे भारतीय ड्रोन हमलों का मुकाबला कर सकें।
इसके अलावा बैठक में घाटी के अंदर हिंसा फैलाने की खुली रणनीति पर भी चर्चा हुई। गैर कश्मीरियों, प्रवासी मजदूरों और धार्मिक तीर्थयात्रियों को एक बार फिर निशाना बनाने की योजना है। यह योजना पहले अमरनाथ यात्रा के दौरान पहलगाम और अनंतनाग जैसे इलाकों में देखे गए आतंकी हमलों जैसी ही है।
अमरनाथ यात्रा करीब, सुरक्षा एजेंसियां सतर्क
ऐसी खबरें भी सामने आई हैं कि आईएसआई ने घाटी में अपने नेटवर्क को कार्रवाई के लिए तैयार रहने को कहा है। आतंकियों को जल्द से जल्द बड़ा हमला करने का आदेश दिया गया है ताकि यह संदेश दिया जा सके कि घाटी शांत नहीं हुई है। अमरनाथ यात्रा नजदीक है, इसलिए सुरक्षा एजेंसियां इसे लेकर खास तौर पर सतर्क हैं।
पहलगाम की तर्ज पर एक और लक्षित हमला हो सकता है। इस बार साजिश और भी हाईटेक है। आईएसआई अब सिर्फ बंदूकों से ही नहीं बल्कि ड्रोन की नजर से भी हमला करने की तैयारी में है। भारत को अब सिर्फ एलओसी पर ही नहीं बल्कि आसमान और नेटवर्क के भीतर भी सतर्कता बढ़ानी होगी।
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