India News (इंडिया न्यूज़), Chhattisgarh Narayanpur, रायपुर: उग्रवाद प्रभावित नारायणपुर जिले के अबूझमाढ़ के तीन आदिवासी युवाओं ने भूटान में आयोजित दूसरी विश्व मल्लखंब चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।संतोष शोरी, संताय पोटाई और जयंती ने नौ से 12 मई तक भूटान में आयोजित वर्ल्ड मल्लखंब चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए स्वर्ण पदक जीता।

  • 200 से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया
  • तीनों ने स्वर्ण पदक जीता
  • 70 खिलाड़ी इस खेल की ट्रेनिंग ले रहे है

चैंपियनशिप में विभिन्न देशों के 200 से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया। समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए जयंती ने कहा कि वह अपने गांव से वैश्विक स्तर के खेल आयोजन में भाग लेने वाली और स्वर्ण पदक जीतने वाली एकमात्र खिलाड़ी हैं। चैंपियन ने कहा कि वह चाहती हैं कि उनके गांव के अन्य लोग इस खेल को चुनें।

बचपन से काफी उत्साह

अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में देश का प्रतिनिधित्व कर पदक जीतने की इच्छा रखने वाली जयंती अपने कौशल को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण ले रही हैं। अलग-अलग राज्यों में आयोजित कई प्रतियोगिताओं में जीत हासिल कर चुके संतोष ने कहा कि बचपन से ही उनमें खेलों के प्रति काफी उत्साह था और मल्लखंब ने उन्हें विश्व स्तरीय आयोजन में भाग लेने का मौका दिया है।

70 खिलाड़ी ट्रेनिंग ले रहे

संतोष वर्तमान में 11वीं कक्षा में पढ़ रहा है और नारायणपुर के मल्लखंब अकादमी में अपने खेल कौशल को तेज कर रहा है। छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की 16वीं बटालियन में सिपाही मनोज प्रसाद ने बताया कि 30 लड़कियों सहित करीब 70 खिलाड़ी इस समय अकादमी में मल्लखंभ की ट्रेनिंग ले रहे हैं। छह साल से खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दे रहे यादव ने कहा कि पहली कक्षा से लेकर कॉलेज तक के छात्र मल्लखंभ के कौशल का अभ्यास कर रहे हैं।

इंडियाज गॉट टैलेंट के लिए चुना गया

एक वरिष्ठ खिलाड़ी पारस यादव ने बताया कि विजयी खिलाड़ियों को प्रतिनिधित्व के लिए विभिन्न राज्यों के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से प्रस्ताव मिलना शुरू हो गया है, उन्होंने कहा कि संस्थान मुफ्त शिक्षा (पीएचडी तक) और आवास की सुविधा दे रहे हैं। यादव ने कहा कि इसके अलावा, संस्थान छात्रवृत्ति की पेशकश भी कर रहे हैं, विस्तार से बताया कि खिलाड़ियों को इंडियाज गॉट टैलेंट के लिए चुना गया है और इस संबंध में तैयारी चल रही है।

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