India News,(इंडिया न्यूज), Chandrayaan 3 Landing, नई दिल्ली: भारत आज अंतरिक्ष की दुनिया में एक नया इतिहास रचने को तैयार है। पूरा देश इसका इंतजार कर रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी कि ISRO के तीसरे चंद्र मिशन के अंतर्गत आज, 23 अगस्त, 2023 को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल चांद की सतह पर उतरेगा। आज ऐसा होने के बाद दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला भारत दुनिया का पहला देश बनकर एक नया इतिहास रचेगा।
अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर चुके हैं। मगर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर उनकी ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ नहीं हुई है। चंद्रयान-2 के असफलता के बाद चंद्रयान-3 का उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट-लैंडिंग को करके दिखाना है। साथ ही चांद पर विचरण कर वैज्ञानिक प्रयोग करना है।
कब फेल हुआ मिशन चंद्रयान-2?
7 सितंबर, 2019 को मिशन चंद्रयान-2 चंद्रमा पर उतरने की प्रक्रिया के दौरान उस वक्त फेल हो गया था, जब विक्रम किसी गड़बड़ी के चलते चंद्रमा की सतह से टकरा गया था। 2008 में भारत ने अपने पहले चंद्र मिशन यानी कि चंद्रयान-1 को लांन्च किया गया था।
इस दिन हुआ चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण
14 जुलाई को भारत ने लॉन्च व्हीकल मार्क-3 यानी कि एलवीएम-3 रॉकेट के माध्यम से 600 करोड़ रुपये की लागत वाले अपने तीसरे चंद्र मिशन यानी कि चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण किया था। इसके तहत चंद्रयान 41 दिन की अपनी यात्रा में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। यहां अभी तक कोई भी देश नहीं पहुंचा है।
असफल हुआ रूस का लूना-25
बता दें कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग से पहले इस दौड़ में रूस का लूना-25 उस वक्त क्रैश हो गया। जब लूना-25 का ‘रोबोट लैंडर’ चांद की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। रूसी लैंडर लूना-25 के अनियंत्रित कक्षा में जाने के बाद चांद पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया है।
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