India News (इंडिया न्यूज), CO On Sambhal Violence: उत्तरप्रदेश के संभल में जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हुई हिंसा में अब तक 5 मुस्लिम युवकों के मारे जाने की खबर है। इसको लेकर राहुल गांधी, अखिलेश यादव, संभल सांसद जियाउर्रहमान आदि कई नेताओं का बयान सामने आया है। जिसमें सभी विपक्षी नेताओं ने एक सुर में इस हिंसा के लिए उत्तरप्रदेश की योगी सरकार और उत्तरप्रदेश पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है। संभल हिंसा को चार दिन बीत चुके हैं। जानकारी के अनुसार हालात सामान्य हैं, लेकिन आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। लेकिन इस बीच संभल सीओ का बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि, हिंसा करने वाले लोग अनपढ़ हैं। 

सीओ ने अपने बयान में कही ये बात

सीओ अनुज चौधरी ने कहा, “पुलिस को आत्मरक्षा का अधिकार है। हम मरने के लिए पुलिस में भर्ती नहीं हुए हैं। ऐसे दंगाइयों से हमेशा जान का खतरा बना रहता है। पुलिसकर्मियों के भी परिवार और बच्चे होते हैं। अगर कोई पुलिसकर्मी मरता है तो उसका परिवार बर्बाद हो जाता है। संभल में 4 से 6 घंटे तक जो हालात रहे, उसे पहले समझने की जरूरत है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जिन लोगों को गोली मारी गई, उन्हें पुलिस की बंदूक से गोली नहीं लगी। वहां हजारों की भीड़ थी और यह पता लगाना मुश्किल है कि गोलियां किसने चलाईं। पुलिस पर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए चौधरी ने कहा कि पुलिस ने कानून के दायरे में काम किया।

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अब क्या है संभल का माहौल?

संभल में मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद बुधवार को स्थिति सामान्य होती नजर आ रही है। स्कूल और कॉलेज खोल दिए गए हैं, और आम दुकानों को भी संचालन की अनुमति मिल गई है। हालांकि, एहतियात के तौर पर जिले में इंटरनेट सेवाएं अब भी बंद हैं। प्रशासन ने संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी है। मुख्य चौराहों पर पुलिस बल तैनात है, और रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती भी की गई है। हिंसा में पांच लोगों की मौत के बाद, 30 नवंबर तक बाहरी लोगों और जनप्रतिनिधियों के जिले में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

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