EWS Reservation Case: आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग यानि का EWS के लिए सुप्रीम कोर्ट 10 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था को लेकर थोड़ी देर के बाद अपना फैसला सुनाएगी। सरकारी नौकरियों तथा उच्च शिक्षा में मिला 10 फीसदी का आरक्षण बरकरार रहेगा या नहीं इस पर कोर्ट अपना फैसला सुनाने वाली है। इस मामले की 5 जजों के संवैधानिक बेंच सुनवाई कर रही है।

अदालत ने सुरक्षित रखा था फैसला

आपको बता दें कि EWS कोटे की वैधयता को चुनौती देने वाली 30 से अधिक याचिकाओं पर लंबी सुनवाई करने के बाद 27 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ अपना फैसला सुनाएगी। पीठ को यह तय करना है कि क्या संविधान के बुनियादी ढांचे का EWS कोटे से उल्लंघन होता है।

EWS को संविधान के खिलाफ बताते हुए कोर्ट में दी थी चुनौती

बता दें कि साल 2019 में ये व्यवस्था लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने लागू की थी। संविधान में इसके लिए 103वां संशोधन किया गया था। तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी डीएमके सहित कई याचिकाकर्ताओं ने साल 2019 में लागू हुए EWS कोटा को संविधान के खिलाफ बताते हुए कोर्ट में चुनौती दी थी। जिसके बाद संविधान पीठ का 2022 में गठन हुआ था। चीफ जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस जेबी पादरीवाला, जस्टिस दिनेश महेश्वरी, जस्टिस रवींद्र भट्ट और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की संविधान पीठ ने 13 सिंतबर को मामले की सुनवाई शुरू की थी।

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