India News (इंडिया न्यूज), Nitin Gadkari: केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मौजूदा टोल सिस्टम को खत्म कर सैटेलाइट टोल कलेक्शन सिस्टम शुरू करने का ऐलान किया है। आज शुक्रवार, 26 जुलाई को गडकरी ने बताया कि सरकार मौजूदा टोल सिस्टम को बंद कर रही है और जल्द ही सैटेलाइट आधारित टोल संग्रह प्रणाली लागू की जाएगी। इस नए सिस्टम का उद्देश्य टोल कलेक्शन को बढ़ाना और टोल प्लाजा पर लगने वाली भीड़ को कम करना है, तो चलिए जानते हैं पूरा मामला…

मुंबई से पुणे जाने में अब लगते हैं महज 2 घंटे

गडकरी ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि सड़क परिवहन और हाईवे मंत्रालय ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) लागू करने जा रहा है। शुरुआत में यह केवल कुछ टोल प्लाजा पर ही लागू होगा। इससे पहले एक इंटरव्यू में गडकरी ने कहा था कि टोल खत्म कर सैटेलाइट आधारित टोल संग्रह प्रणाली लागू की जाएगी। इसमें आपकी गाड़ी जितनी दूरी तय करेगी, उसके आधार पर आपके बैंक खाते से पैसे कटेंगे। इससे समय और पैसे की बचत होगी। उन्होंने यह भी कहा कि पहले मुंबई से पुणे जाने में 9 घंटे लगते थे, लेकिन अब यह समय घटकर 2 घंटे रह गया है।

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इंटरनेशनल वर्कशॉप भी आयोजित

बता दें कि, पिछले महीने 25 जून को GNSS-बेस्ड सिस्टम पर हितधारकों से परामर्श करने के लिए एक इंटरनेशनल वर्कशॉप आयोजित की गई थी। इसके बाद 7 जून को वैश्विक अभिरुचि अभिव्यक्ति (EOI) प्रस्तुत की गई, जिसमें व्यापक औद्योगिक भागीदारी को आमंत्रित किया गया। EOI प्रस्तुत करने की आखिरी तारीख 22 जुलाई थी। दिसंबर में, नितिन गडकरी ने घोषणा की थी कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) का लक्ष्य मार्च 2024 तक इस नई प्रणाली को लागू करना है। उन्होंने बताया कि टोल प्लाजा पर प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और वेटिंग टाइम को कम करने के प्रयासों के बारे में वर्ल्ड बैंक को भी सूचित किया गया है। FASTag की शुरुआत के साथ, टोल प्लाजा पर औसत प्रतीक्षा समय में काफी कमी आई है। कर्नाटक में NH-275 के बेंगलुरु-मैसूर खंड और हरियाणा में NH-709 के पानीपत-हिसार खंड पर इसको आजमाया जा चुका है।

सैटेलाइट आधारित होगा टोल सिस्टम

सैटेलाइट आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम से टोल प्लाजा पर लगने वाली लंबी कतारों और समय की बर्बादी को कम करने की कोशिश की जा रही है। इस नई प्रणाली के तहत, वाहन मालिकों को टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं होगी और वे जितनी दूरी तय करेंगे, उसके हिसाब से उनके बैंक खाते से टोल शुल्क कट जाएगा। इससे न केवल समय की बचत होगी  बल्कि यातायात भी सुचारू रहेगा।

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