इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव (केसीआर) की नजरें आगामी लोकसभा चुनाव पर है। इसके मद्देनजर उन्होंने आज यानी बुधवार को अपनी पार्टी की पहली बैठक के साथ एक गैर-कांग्रेसी विपक्षी मोर्चा बनाने की दिशा में पहला कदम उठाया। जानकारी दें, हैदराबाद के खम्मम शहर में भारत राष्ट्र समिति की बैठक में आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और केरल के मुख्यमंत्री, सीपीएम के पिनाराई विजयन, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और सीपीआई के डी राजा ने भाग लिया। ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि केसीआर के मंच से तीसरे मोर्चे की झलक दिखी है। हालाँकि ये तीसरा मोर्चा आगामी लोकसभा चुनाव में एकसाथ नजर आएगा इसपर अभी पूर्णविराम नहीं लगाया जा सकता।
जानकारी दें, जद (एस) नेता एचडी कुमारस्वामी, जो केसीआर के राष्ट्रीय राजनीति में आने का समर्थन कर रहे है। वो पंचरत्न रथ यात्रा (राज्यव्यापी दौरे) के कारण बैठक में शामिल नहीं हो सके। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चारों मुख्यमंत्रियों के साथ मंच साझा करते हुए कहा, “कल बीजेपी की बैठक (राष्ट्रीय कार्यकारिणी) संपन्न हुई। उन्होंने खुद कहा कि 400 दिन बचे हैं। यह सरकार अपने दिन गिन रही है। इसके बाद बीजेपी देश में नहीं दिखेगी।”
सपा समेत 21 विपक्षी दलों को भेजा गया निमंत्रण
मालूम हो, बीआरएस की बैठक कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के ग्रैंड फिनाले से कुछ दिन पहले से हो रही है, जिसके लिए उसने समाजवादी पार्टी सहित 21 विपक्षी दलों को आमंत्रित किया है। आपको बता दें, राव की रैली में शामिल होने वाले सभी दलों ने कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा से दूरी बनाई थी। अखिलेश यादव और अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस के प्रति अपनी दुश्मनी साफ कर दी है। सीपीएम, हालांकि, इस साल होने वाले चुनावों के लिए सीट बंटवारे की व्यवस्था पर त्रिपुरा में कांग्रेस के साथ लगातार संपर्क में हैं।
2019 में उठी गैर-कांग्रेसी मोर्चा बनाने की मांग
जानकारी दें, सबसे पहले केरल के सीएम विजयन ने 2019 के आम चुनाव से पहले एक गैर-कांग्रेसी, गैर-भाजपा मोर्चे बनाने की बात कही थी। लेकिन यह सफल नहीं हो पाया था, अधिकांश क्षेत्रीय नेताओं ने नैतिक समर्थन देना बंद कर दिया था। इस बात पर भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या राव का ड्रीम फ्रंट इस बार साकार होगा ? राव के अलावा, कई नेताओं ने विपक्ष में प्रमुख स्थान लिए दावेदारी कर रहे है। अरविंद केजरीवाल अपनी राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा पहले ही स्पष्ट कर चुके है। विपक्ष के प्रमुख नेताओं में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी भी शामिल हैं।
बिना कांग्रेस के भाजपा से लड़ना असंभव
ज्ञात हो, पिछले साल सितंबर में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से राव ने मुलाकात की थी। तभी बिहार सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि कोई तीसरा मोर्चा नहीं होगा। नीतिश ने इंडियन नेशनल लोकदल द्वारा आयोजित एक रैली में कहा, “तीसरे मोर्चे का कोई सवाल ही नहीं है। एक ऐसा मोर्चा होना चाहिए जिसमें कांग्रेस शामिल हो। तभी हम 2024 में भाजपा को हरा सकते हैं।