India News (इंडिया न्यूज), Uddhav Thackeray and Raj Thackeray : महाराष्ट्र की राजनीति में इस समय सबसे बड़ी हलचल यह चल रही है कि क्या उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे साथ आएंगे? जिस पर इस समय सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। दोनों नेताओं ने साथ आने को लेकर बयान दिए हैं। जहां एक तरफ राज ठाकरे ने फिल्म निर्माता महेश मांजरेकर के साथ पॉडकास्ट में कहा कि वह महाराष्ट्र के व्यापक हित के लिए छोटे-मोटे विवादों को अलग रख सकते हैं। राज ने कहा कि वह अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे के साथ काम कर सकते हैं, बशर्ते वह इसके लिए तैयार हों।

वहीं भारतीय कामगार सेना की 57वीं वार्षिक आम बैठक में अपने संबोधन के दौरान उद्धव ने कहा कि, मैं साथ आने (राज ठाकरे के साथ) को तैयार हूं। मैं छोटी-मोटी घटनाओं को अलग रखकर महाराष्ट्र के हित में आगे आने को तैयार हूं। मैंने सारे झगड़े खत्म कर दिए हैं। महाराष्ट्र का हित मेरी प्राथमिकता है।

संजय राउत ने रखी शर्त

दोनों भाइयों के साथ आने से पहले ही उद्धव के खास नेता संजय राउत ने राज ठाकरे के सामने शर्त रख दी है। राउत ने कहा कि अगर राज ठाकरे और एकनाथ शिंदे बीजेपी से नाता तोड़ते हैं तो हम उनसे जरूर बात करेंगे। राउत ने बयान में कहा कि, आप (राज ठाकरे) महाराष्ट्र और शिवसेना (यूबीटी) के दुश्मन को अपने घर में जगह न दें… अगर आप इस बात से सहमत हैं, तो हम जरूर बात करेंगे।

कभी साथ नहीं आएंगे, संभव नहीं- शिंदे कैंप

राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के साथ आने की खबरों के बीच शिंदे गुट का बयान भी सामने आया है। महाराष्ट्र सरकार में संजय सिरसट ने कहा कि, राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे कभी साथ नहीं आएंगे और यह संभव नहीं है। अगर इन दोनों का गठबंधन हो भी जाता है, तो क्या उद्धव ठाकरे कांग्रेस और एनसीपी छोड़ देंगे? अगर राज ठाकरे आते हैं, तो क्या वे कांग्रेस-एनसीपी भी छोड़ देंगे?

राज ठाकरे कभी कांग्रेस-एनसीपी के साथ नहीं जाएंगे और उद्धव ठाकरे भी कभी एनसीपी-कांग्रेस को नहीं छोड़ेंगे, इसलिए यह साफ है कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे का गठबंधन होना बहुत मुश्किल है।

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