India News (इंडिया न्यूज़), LokSabha Election, दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 में देश में समान नागरिक संहिता लागू करना और दशकों से विकास की मुख्य धारा से दूर रहे पसमांदा मुस्लिम समुदाय को बराबरी का हक दिलाना भाजपा का मुख्य चुनावी मुद्दा हो सकत है। राजनीति के जानकार मान रहे है कि भोपाल के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दस लाख बूथों पर तीन करोड़ कार्यकर्ताओं को समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए जमीन तैयार करने का एजेंडा सौंपा दिया है।
- मुद्दा होने की पूरी संभावना
- सिर्फ UCC ही बचा
- पीएम ने कार्यकर्ताओं को दिया काम
जनसंघ और फिर बीजेपी के एजेंडे में अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 की समाप्ति और समान नागरिक संहिता तीन बड़े मुद्दे रहे हैं। 5 अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किया गया। पीएम की तरफ से 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन किया गया। अब सिर्फ यूसीसी ही बचा है।
दोहरी व्यवस्था नहीं
पहले बीजेपी के नेता इसे लाने की बात करत थे लेकिन अब पीएम ने इसकी वकालत कर दी है। मोदी ने संविधान में दी गई व्यवस्था और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए कह दिया देश दोहरी व्यवस्था कैसे चल सकता है।
पसमांदा को साधने की रणनीति
जानकारों का मानना है कि एक ओर जहां सभी विपक्षी दल भाजपा के दलित और पिछड़े वोट बैंक में सेंध लगाने में ताकत लगा रहे हैं वहीं भाजपा ने भी विपक्षी दलों के सबसे बड़े मुस्लिम वोट बैंक में पसमांदा समाज को साधने की रणनीति बनाई है। भाजपा मुस्लिमों के बीच अगड़े पिछड़े की संभावना तलाश रही है। पार्टी ने बीते दो वर्ष से पसमांदा मुस्लिमों को साधने का अभियान चला रखा है।
यह भी पढ़े-
- यूनिफॉर्म सिविल कोड पर पर्सनल लॉ बोर्ड ने बुलाई आपात बैठक, लिया महत्वपूर्ण फैसला
- पासमानडा समाज और UCC पर क्यों छिड़ी सियासत, 2024 में किसे मिलेगा फायदा, किसे होगा नुकसान