India News (इंडिया न्यूज़),Uniform Civil Code: पीएम मोदी (PM Modi) मंगलवार (27 जून) को मध्य प्रदेश के दौरे पर थे। इस दौरान पीएम ने भोपाल में एक जमसभा को संबोधीत करते हुए यूसीसी (UCC) और तीन तलाक को लेकर बड़ा बयान दिया। जिसे लेकर पूरे देश में सियासत गर्म हो गई है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक घर में दो कानून नहीं चल सकते हैं। ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा। उन्होने कहा कि इस मुद्द पर मुस्लिमों को गुमराह किया जा रहा है। पीएम मोदी के इस बयान पर सियासी घमासान छिड़ गया है। ऐसे में अहम सवाल ये है कि समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) क्या है? इसे कौन बनता है?समान नागरिक संहिता लागू होने से क्या बदलेगा?
समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) क्या है?
साधाराण भाषा में समान नागरिक संहिता का मतलब होता है भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होना, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो। समान नागरिक संहिता लागू होने से सभी धर्मों का एक कानून होगा। शादी, तलाक, गोद लेने और जमीन-जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक ही कानून लागू होगा।
संविधान में इसे लेकर क्या है प्रावधान
देश में संविधान के अनुच्छेद 44 में समान नागरिक संहिता को लेकर प्रावधान है। इसमें कहा गया है कि राज्य इसे लागू कर सकता है। इसका उद्देश्य धर्म के आधार पर किसी भी वर्ग विशेष के साथ होने वाले भेदभाव या पक्षपात को खत्म करना और देशभर में विविध सांस्कृतिक समूहों के बीच सामंजस्य स्थापित करना था।
समान नागरिक संहिता लागू होने से क्या बदलेगा?
UCC लागू होने पर हिंदू कोड बिल, शरीयत कानून, विशेष विवाह अधिनियम जैसे कानूनों की जगह लेगा। समान नागरिक कानून तब सभी नागरिकों पर लागू होगा चाहे उनका धर्म कुछ भी हो। इसके समर्थकों का तर्क है कि यह लैंगिक समानता की बढ़ावा देने, धर्म के आधार पर भेदभाव की कम करने और कानूनी प्रणाली की सरल बनाने में मदद करेगा। वहीं, दूसरी ओर विरोधियों का कहना है कि यह धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करेगा और व्यक्तिगत कानूनों को प्रत्येक धार्मिक समुदाय के विवेक पर छोड़ देना चाहिए।
खतरे में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का वजूद?
यूसीसी का विरोध करने वाले मुस्लिम धर्मगुरुओं का मानना है कि यूसीसी की वजह से मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का वजूद खतरे में पड़ जाएगा। जो सीधे तौर पर मुस्लिमों के अधिकारों का हनन होगा। मुस्लिम धर्मगुरुओं का कहना है कि शरीयत में महिलाओं को संरक्षण मिला हुआ है। इसके लिए अलग से किसी कानून को बनाए जाने की जरूरत नहीं है।मुस्लिम धर्मगुरुओं को यूनिफॉर्म सिविल कोड के जरिए मुसलमानों पर हिंदू रीति-रिवाज थोपने की कोशिश किए जाने का शक है। इनका मानना है कि यूसीसी लागू होने के बाद हर मजहब पर हिंदू रीति-रिवाजों को थोपने की कोशिश की जाएगी।
बीजेपी के घोषणापत्र में UCC
बता दें बीजेपी के द्वारा इस कानून को लागूं करने की बात हमेशा से कही जाती है। इतना ही नहीं बीजेपी के घोषणापत्र में भी समान नागरिक संहिता का मुद्दा हमेशा से रहा है। जानकारी के अनुसार UCC 2024 के आम चुनावों में मोदी सरकार के लिए लाभदायक हो सकती है। बता दें इससे पहले बीजेपी सरकार ने दो बड़े कदम उठाए थे और चुनावों में उन्हें इसका फायदा भी मिला उठाए गए दो प्रमुख कदमों – जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 की धाराओं को हटाना और अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण है ऐसे में ये कहा जा रहा है कि आगामी 2024 के चुनाव में यह तीसरे बड़े कदम के रूप में शामिल हो सकता है।
पीएम मोदी का UCC पर बयान
PM मोदी ने UCC पर बात करते हुए कहा,”समान नागरिक संहिता (UCC) के नाम पर लोगों को भड़काने का काम हो रहा है। देश दो कानूनों पर कैसे चल सकता है? भारत के संविधान में भी नागरिकों के समान अधिकार की बात कही गई है…सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार कहा है कि समान नागरिक संहिता(UCC) लाओ लेकिन ये वोट बैंक के भूखे लोग हैं।”
तीन तलाक को लेकर पीएम ने कही ये बातें
पीएम ने तीन तलाक को लेकर कहा,”जो भी तीन तलाक के पक्ष में बात करते हैं ये लोग मुस्लिम बेटियां के साथ बहुत बड़ा अन्याय कर रहे हैं। तीन तलाक से सिर्फ बेटियों को नुकसान नहीं होता है बल्कि इससे पूरा परिवार तबाह हो जाता है। मैं समझता हूं कि मुसलमान बेटियों पर तीन तलाक का फंदा लटका कर कुछ लोग उन पर हमेशा अत्याचार करने की खुली छूट चाहते हैं।”
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