India News(इंडिया न्युज), Uniform Civil Code: यूनिफॉर्म सिविल कोर्ड पर 22वें विधि आयोग ने देश के लोगों और धार्मिक संगठनों से परामर्श करने को कहा। इसके बाद इसे लेकर राजनीति से जूड़े लोगों समेत सभी अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहें हैं। देशभर के लोगों को कानूनी तौर पर एक पलड़े पर रखने वाले इस कानून के विरोध में मुस्लिम और आदिवासी संगठ अपने-अपने तर्क दे रहे हैं।  इसी क्रम में पूर्वोत्तर राज्य मेघालय के सीएम कॉनराड संगमा ने अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में अनूठी संस्कृति है। 

यूसीसी पर उन्होंने कहा, “समान नागरिक संहिता भारत के वास्तविक विचार के विपरीत है। भारत एक विविधतापूर्ण देश है और विविधता ही हमारी ताकत है। एक राजनीतिक दल के रूप में, हमें एहसास है कि पूरे पूर्वोत्तर में अनूठी संस्कृति है और हम चाहेंगे कि वह बनी रहे।”

दरअसल पीएम मोदी के द्वारा यूसीसी का पूर्ण समर्थन करने के बाद ये मुद्दा पूरे भारत में गर्मा गया। वहीं, अटकलें लग रही है कि केंद्र सरकार इस मानसून सत्र में यूसीसी पर बिल पेश कर सकता है। वहीं बीजेपी के अलावा कई विपक्षी दल भी इसका समर्थन करते नजर आ रहे हैं। ऐसे में संभव है कि सरकार के द्वारा यूसीसी पर कानून बन जाए।

वहीं दूसरी ओर मुस्लिम और आदिवासी इसको लेकर अपने-अपने तर्क दे रहें हैं। पूर्वोत्तर के आदिवासी इसका विरोध कर रहे है। इसके अलावा झारखंड के 30 आदिवासी संगठनों से इसके विरुध बयान जारी किया है। आदिवासियों नेताओं का कहना है कि यूनिफॉर्म सिविल कोर्ड अगर लागू होती है, तो इससे उनकी प्रथागत परंपराएं समाप्त हो जाएगी।

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