Union Home Ministry Decision
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Union Home Ministry Decision केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) को देश के लिए खतरा बताते हुए इसे एक गैरकानूनी संगठन घोषित कर दिया है। मंत्रालय ने इसी के साथ आईआरएफ को पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। गृह मंत्रालय की एक अधिसूचना के अनुसार आईआरएफ (IRF) के संस्थापक जाकिर नाइक (Zakir Naik) अपने आपत्तिजनक भाषण में आतंकियों की प्रशंसा करते रहे हैं और हर मुसलमान को वह आतंकी बनने को कहते हैं।
युवाओं के इस्लाम में जबरन धर्मांतरण को बढ़ावा देने का आरोप
मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर कहा कि आईआरएफ (IRF) के संस्थापक देश के युवाओं को इस्लाम में जबरन धर्मांतरण को बढ़ावा देने का काम करता है। वह अपने भाषणों में आत्मघाती बम ब्लास्ट को सही ठहराता है। मंत्रालय ने यह भी बताया है कि (Zakir Naik) भारत व विदेशों में मुस्लिम युवाओं को आतंकी वारदातों को अंजाम देने के लिए प्रेरित करता रहा है। वह हिंदुओं, हिंदू-देवताओं व हिंदुओं के अलावा अन्य धर्मों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी भी पोस्ट करता है। वह ऐसी चीजें पोस्ट करता है जो अन्य धर्मों के लिए अपमानजनक हैं।
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गैरकानूनी गतिविधियों में संलिप्त होने के सबूत : सॉलिसिटर जनरल
आईआरएफ के जम्मू एवं कश्मीर, गुजरात, झारखंड, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और ओडिशा में गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त होने की बात सामने आई है। आतंकवाद विरोधी न्यायाधिकरण के समक्ष पेश हुए सॉलिसिटर जनरल ने यह कहा है कि हमारे पास जाकिर नाइक के एनजीओ आईआरएफ के अवैध गतिविधियों में संल्पित होने के सबूत हैं। वह यह सबूत दिखा सकते हैं। उन्होंने कहा, जाकिर नाइक वीडियो के जरिये अपनी शिक्षाओं का प्रचार करके व विभिन्न सोशल मीडिया चैनलों के माध्यम से भड़काऊ भाषण व व्याख्यान देकर भारत में अपने अनुयायियों तक इन चीजों को पहुंचाता है।
मुस्लिम समुदाय के युवाओं को कट्टरपंथी बनाना सिर्फ मकसद
गृह मंत्रालय ने यह भी कहा है कि एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने सीलबंद लिफाफे में इस ट्रिब्यूनल (आतंकवाद विरोधी न्यायाधिकरण) के समक्ष रिकॉर्ड की गई सामग्री पेश की है जिससे पता चलता है कि आईआरएफ के ट्रस्टी और विशेष रूप से जाकिर नाइक ने धन एकत्रित करने के मकसद से खाड़ी देशों की यात्रा जारी रखी है। उसने एनजीओ और ट्रस्ट व शेल कंपनियां खोल रखी हैं। जानकारी के अनुसार इन सबका सिर्फ और सिर्फ एक ही मकसद है, वह है मुस्लिम समुदाय के युवाओं को कट्टरपंथी बनाना।
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