India News (इंडिया न्यूज), Hyperloop Tube: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को आईआईटी मद्रास के हाइपरलूप टेस्टिंग फैकल्टी सेंटर का दौरा किया और कहा कि 410 मीटर लंबी हाइपरलूप ट्यूब जल्द ही दुनिया की सबसे लंबी हाई-स्पीड ट्यूब बन जाएगी। उन्होंने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि यह एशिया की सबसे लंबी हाइपरलूप ट्यूब है और जल्द ही विश्व रिकॉर्ड बनाएगी। आपको जानकारी के लिए बता दें कि, आईआईटी मद्रास के डिस्कवरी कैंपस में बने हाइपरलूप टेस्टिंग सेंटर में मंत्री ने इस अत्याधुनिक परिवहन तकनीक का लाइव प्रदर्शन देखा। उन्होंने बताया कि यह हाई-स्पीड ट्रेन वैक्यूम में चलती है और इसे पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से तैयार किया गया है।
अश्विनी वैष्णव ने की तारीफ
इस दौरान उन्होंने युवाओं और आविष्कार संस्था के नए आइडिया की भी तारीफ की, जो इस सिस्टम पर काम कर रहे हैं और अच्छे नतीजे दे रहे हैं। रेल मंत्रालय ने इस प्रोजेक्ट को वित्तीय सहायता और तकनीकी सहायता दी है। साथ ही हाइपरलूप के लिए जरूरी इलेक्ट्रॉनिक तकनीक चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) में तैयार की जाएगी। यह वही संस्थान है, जिसने वंदे भारत हाई-स्पीड ट्रेनों के लिए भी इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम विकसित किया है।
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क्या है हाइपरलूप ट्यूब
आपको जानकारी के लिए बता दें कि, हाइपरलूप ट्यूब एक नई परिवहन प्रणाली है, जिसमें कम दबाव वाली ट्यूब (वैक्यूम ट्यूब) के अंदर पॉड्स (कैप्सूल जैसे वाहन) को बहुत तेज गति से चलाया जाता है। यह तकनीक पारंपरिक रेल और हवाई यात्रा से भी ज्यादा तेज रफ्तार देने में सक्षम हो सकती है। एक जानकारी के अनुसार, इसकी रफ्तार 1000 से 1200 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है। हाइपरलूप पारंपरिक ईंधन पर निर्भर नहीं है, जो इसे पर्यावरण के अनुकूल बनाता है। इसका मूल आइडिया एलन मस्क ने 2013 में दिया था। इसके बाद वर्जिन हाइपरलूप और हाइपरलूप टीटी जैसी कई कंपनियां इस तकनीक पर काम कर रही हैं।