India News (इंडिया न्यूज), UPI Market: यूपीआई बाजार में बड़े बदलाव की सुगबुगाहट नजर आ रही है। एनपीसीआई ने यूपीआई मार्केट में किसी भी कंपनी के दबदबे को तोड़ने के लिए 30 फीसदी मार्केट शेयर की सीलिंग तय की थी। जिसकी अंतिम समय सीमा नजदीक आ रही है। अगर यह फैसला लागू होता है तो इस सेगमेंट की दिग्गज कंपनियां फोनपे और गूगल पे के सामने बड़ी मुसीबत खड़ी हो जाएगी। दरअसल इन दो कंपनियों के पास यूपीआई मार्केट की करीब 85 फीसदी हिस्सेदारी है। वहीं नए नियम 1 जनवरी 2025 से लागू होंगे। इसके बाद ये कंपनियां न सिर्फ नए कस्टमर नहीं जोड़ पाएंगी बल्कि इन्हें अपने कस्टमर भी कम करने होंगे।

30 फीसदी से अधिक नहीं हो सकती है हिस्सेदारी

बता दें कि, नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने दिसंबर, 2022 में थर्ड पार्टी यूपीआई कंपनियों के लिए समय सीमा बढ़ा दी थी। उन्हें डिजिटल पेमेंट ट्रांजेक्शन में अपनी हिस्सेदारी 30 फीसदी करने के लिए 2 वर्ष का समय दिया गया था। जो दिसंबर, 2024 में समाप्त होने वाली है। फिलहाल गूगल पे और फोनपे यूपीआई ट्रांजेक्शन के बेताज बादशाह बने हुए हैं। उनके पास इस मार्केट की करीबन 85 फीसदी हिस्सेदारी है। पेटीएम एक बड़ा नाम होने के बाद भी इन दोनों कंपनियों से बहुत पीछे था। परंतु अब पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ की गई कार्रवाई से उसके मार्केट शेयर को और तगड़ा झटका लगा है।

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एनपीसीआई नहीं चाहता किसी भी कंपनी का बर्चस्व

बता दें कि एनपीसीआई ही देश में यूपीआई ट्रांजेक्शन का रेगुलेटर है। सूत्रों के मुताबिक एनपीसीआई जल्द ही नए नियम को लागू करने के लिए विस्तार से सारे नियम लाने वाला है। दरअसल एनपीसीआई नहीं चाहता कि किसी भी एक कंपनी का यूपीआई मार्केट में वर्चस्व हो। इसमें नए कस्टमर जोड़ने पर रोक भी लगाई जा सकती है। यह काम चरणों में किया जाएगा ताकि लोगों पर कोई बुरा प्रभाव न पड़े। विशेषज्ञों के मुताबिक किसी भी सेगमेंट में एक कंपनी की बादशाहत होने के बाद वह अपने हिसाब से सेवाओं में बदलाव करने लगती है। वह छोटी कंपनियों को मार्केट में ठहरने ही नहीं देते। जिससे बाजार में इनोवेशन का स्कोप बिलकुल खत्म होने लगता है।

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