India News (इंडिया न्यूज़), BJP Internal Report: इस बार का लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए काफी निराशा भरा रहा है। खराब प्रदर्शन की वजह से यूपी बीजेपी में काफी हलचल रही है। जिसके चलते पिछले दो दिनों से यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी पीएम मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा से मुलाकात कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने पीएम मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा से मुलाकात में वही बातें दोहराईं जो उन्होंने बीजेपी के खराब प्रदर्शन पर तैयार रिपोर्ट में कही थीं। लोकसभा चुनाव में खराब नतीजों पर एक रिपोर्ट तैयार की गई है। 15 पन्नों की यह रिपोर्ट यूपी की 80 सीटों पर करीब 40 हजार बीजेपी कार्यकर्ताओं से बातचीत और फीडबैक के आधार पर तैयार की गई है। भूपेंद्र चौधरी ने यही फीडबैक रिपोर्ट दी और पिछले दो दिनों में दिल्ली में पीएम मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा से मुलाकात में इस पर चर्चा भी की।
किन क्षेत्रों में कितनी सीटें घटीं
जारी रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के सभी छह क्षेत्रों पश्चिमी यूपी, ब्रज, कानपुर-बुंदेलखंड, अवध, गोरखपुर और काशी क्षेत्र में पार्टी के वोट शेयर में कम से कम 8 प्रतिशत की कमी आई है। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में सपा ने उत्तर प्रदेश की 80 में से 37 सीटें जीतीं, जबकि 2019 में उसने पांच सीटें जीती थीं। भाजपा 62 से घटकर 33 सीटें ही जीत सकी। पार्टी के अपने आंकड़ों के अनुसार, पार्टी ने सबसे खराब प्रदर्शन पश्चिम और काशी क्षेत्र में किया, जहां उसे 28 में से केवल आठ सीटें मिलीं। ब्रज में उसे 13 में से 8 सीटें मिलीं। गोरखपुर क्षेत्र में पार्टी को 13 में से केवल छह सीटें मिलीं, जबकि अवध में उसे 16 में से केवल 7 सीटें मिलीं। कानपुर-बुंदेलखंड में भाजपा अपनी मौजूदा सीटें वापस पाने में विफल रही, उसे 10 में से केवल 4 सीटें मिलीं।
पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए रिपोर्ट में क्या कारण बताए गए?
- प्रदेश में अधिकारियों और प्रशासन की मनमानी रही।
- सरकार के प्रति पार्टी कार्यकर्ताओं में असंतोष रहा।
- पिछले 6 सालों में सरकारी नौकरियों में लगातार पेपर लीक होती रही।
- सरकारी नौकरियों में संविदा कर्मियों की भर्ती में सामान्य वर्ग के लोगों को प्राथमिकता देने वाली राज्य सरकार की वजह से विपक्ष के आरक्षण खत्म करने के मुद्दे को बल मिला है।
- राजपूत समुदाय की पार्टी से नाराजगी रही।
- संविधान बदलने पर पार्टी नेताओं द्वारा कई बयान दिए गए।
- समय से पहले टिकट वितरण भी एक कारण बनकर उभरा है, 6वें और 7वें चरण में मतदान के समय तक कार्यकर्ताओं का उत्साह कम हो गया है।
- सरकारी अधिकारियों में पुरानी पेंशन का मुद्दा छाया रहा।
- अग्निवीर भी मुद्दा बना।
बता दें कि, पार्टी का मानना है कि निचले स्तर पर चुनाव अधिकारियों द्वारा भाजपा के कोर वोटरों के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए हैं। पार्टी की रिपोर्ट कहती है कि लगभग सभी सीटों पर पार्टी के कोर वोटरों के 30 हजार से 40 हजार नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए।
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