जोशीमठ/उत्तराखंड: देवभूमी उत्तराखंड पर इन दिनों देवता नाखुश दिखाई दे रहे हैं। उत्तराखंड चार धाम यात्रा के लिए काफी प्रसिद्ध है। चारों धामों में से एक है बद्रीनाथ है और बद्रीनाथा का रास्ता जोशीमठ होकर जाता है। लेकिन इन दिनों जोशीमठ में प्रकृति की कुछ अजीबों गरीब घटनाएं घट रही है।
क्या है पूरा मामला ?
जोशीमठ में इन दिनों लोगों के घरों, खेतों, सड़कों पर दरारें आ गयी है। जमीन के अंदर से पानी निकल रहा है और रहस्यमयी आवोजें भी आ रही है। करीब 570 घरों में बड़ी दरार आने के बाद लोगों के बीच डर का माहौल है। सरकार राहत बचाव कार्य शुरु कर चुकी है। लोगों को सुरक्षीत जगह पहुंचाया जा रहा है। इस पूरे मामले को प्रधानमंत्री के कार्यालय से भी मॉनीटर किया जा रहा है। कल उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस मामले पर हाई लेवल मीटिंग करेंगे।
नगर पालिका अध्यक्ष ने कहा कि तीन हजार से अधिक लोग प्रभावित हैं। यह आबादी का 10 प्रतिशत से अधिक है। उन्होंने कहा, “नगर पालिका द्वारा सभी घरों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। कई लोगों ने अपना घर भी छोड़ दिया है।”
जलवायु और बुनियादी ढांचे में बदलाव के कारण,जमीन के डूबने के बाद 60 से अधिक परिवारों के शहर छोड़ने की सूचना है। अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन ने बुधवार को 29 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है, वहीं करीब 500 परिवार या तो जान जोखिम में डालकर घरों में रह रहे हैं, या कड़ाके की ठंड में कहीं और ठिकाना तलाश रहे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “मैं आने वाले दिनों में जोशीमठ का दौरा करूंगा और स्थिति को संभालने के लिए कदम उठाऊंगा। सभी रिपोर्टों की निगरानी की जाएगी और सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। मेरी नगर निगम के अध्यक्ष से बात हुई है।”