India News(इंडिया न्यूज), Uttarkashi Rescue Operation:: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूरों को 16 दिन बीत चुके हैं। मजदूरों के रेस्क्यू ऑपरेशन में लगातार बाधाएं आ रही है। कभी मशीन खराब हो जाती है तो कभी मालवा गिर जाता है जिसके कारण रेस्क्यू ऑपरेशन को बीच में ही रोकना पड़ता है। बीते दिनों ऑपरेशन आखिरी चरण में था और अमेरिका अगर मशीन से सुरंग में 48 मीटर की डीलिंग की गई थी और सिर्फ 12 से 14 मीटर की डील करना बाकी था लेकिन बीच में मशीन खराब हो गई। अब मजदूरों को निकालने के लिए वर्टिकल रेलिंग यानी सुरंग के ऊपर पहाड़ की खुदाई की जा रही है।

ड्रोन के जरिए किया जाएगा मजदूरों से संपर्क

पिछले 16 दिनों से मजदूर सुरंग के अंदर ही फंसे हुए हैं। वहां उनकी सेहत कैसी है, उनकी मेंटल हेल्थ कैसी है, वह कैसा महसूस कर रहे हैं इसका पता लगाने के लिए ड्रोन के जरिए मजदूरों से संपर्क किया जाएगा। इस काम के लिए भारतीय सेना ने ड्रोन मैन मिलिंद राज से भी संपर्क किया है, जो अपनी रोबोटिक इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके 41 मजदूरों को निकालने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन को सफलता देने में सहायता करेंगी। तो चलिए पहले जानते हैं कौन है मिलिंद राज और फिर जानेंगे कैसे वह रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद करेंगे।

ड्रोन मैन मिलिंद राज कौन हैं?

उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहने वाले मिलिंद राज एक रोबोटिक साइंटिस्ट हैं, जो भारतीय सेना को तकनीकी तौर पर मजबूत करने का काम कर रहे हैं। इनका दावा है कि इन्होंने जो ड्रोन बनाए हैं, वे पाकिस्तान और चीन की नापाक साजिशों को चकनाचूर कर देंगे। उनका कहना है कि उनके द्वारा निर्मित ड्रोन का इस्तेमाल भारतीय सेना में किया जा रहा है और वे कई और ऐसे ड्रोन बनाने के लिए काम कर रहे हैं, जो सेना के लिए भविष्य में रामबाण साबित होगी। सिर्फ इतना ही नहीं मेडिकल सहायता, कृषि और रेल दुर्घटनाओं को भी ये रोकने का कार्य करेंगी।

ऐसे मिला ड्रोन मैन ऑफ इंडिया का टाइटल

मिलिंद राज द्वारा किए गए कार्य को विज्ञान क्षेत्र में बेहद तारीफें मिलती हैं। उनके इन कामों को पूर्व राष्ट्रपति और साइंटिस्ट एपीजे अब्दुल कलाम भी बेहद तारीफ करते हैं। उन्होंने ही मिलिंद को ‘ड्रोन मैन ऑफ इंडिया’ का टाइटल दिया था। मिलिंद राज को फरवरी 2023 में लखनऊ में हुए इनवेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी खूब वाहवाही मिली थी।

मजदूरों को सुरंग से बाहर निकालने में कैसे काम करेंगी ड्रोन?

मिलिंद राज ने बताया कि मजदूरों को इंटरनेट जैसे सुविधाएं मुहैया कराने जरूरत है ताकि वह अपने दोस्तों से संपर्क कर सके क्योंकि ऐसी स्थिति में उनके लिए यह बहुत जरूरी है। उनके लिए जरूरी है कि उन्हें पता चले कि बाहरी निकासी के लिए प्रयास किया जा रहा है और वह जल्द ही टनल से बाहर आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि रंगीन में 41 टुकड़ों की मेंटल हेल्थ ठीक होना बहुत जरूरी है। उन्हें वहां धूप मिल पा रही है और कई तरह की समस्याएं हैं। ऐसी स्थिति में अगर वह फिजिकली फिट हैं, लेकिन मेंटल ठीक नहीं हैं तो उनके मेंटल हेल्थ पर ध्यान देना जरूरी है। मिलिंद राज ने बताया, ‘इस रोबोट में हम अल्ट्रा वायलेट सिस्टम का भी इस्तेमाल करेंगे क्योंकि जैम्स को मारने में यह काम करता है ताकि मजदूर बीमार न हों और उनकी मानसिक स्थिति ठीक हो।

फोन में डाउनलोड करके भेजे गए गेम

टनल में फंसे मजदूरों का ध्यान तनाव से हटाने के लिए ये फैसला लिया गया है, जिससे अंदर फंसे सभी मजदूर गेम खेलें और मुसीबत के समय एक-दूसरे का हौसला बढ़ाएं। स्मार्टफोन की मदद से उन्हें टनल में समय बिताने में दिक्कत नहीं होगी। टनल में फंसे सभी मजदूरों तक जो फोन भेजे गए है उनमें सांप सीढ़ी, लूडो और दूसरे अन्य खेल पहले से ही डाउनलोड करके भेजे गए है।

घबराएं मजदूर

मजदूरों के परिजनों ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि अंदर फंसे कुछ लोग बहुत ज्यादा चिंता में हैं। उन्होंने खाना-पीना तक छोड दिया है। काफी दिन होने के बाद भी बाहर ना निकल पाने के कारण अब उन्हें घबराहट हो रही है। इसी लिए रेस्क्यू टीम ने मजदूरों के लिए फोन फेजा है। शायद वे स्मार्ट फोन पहुंचने के बाद अब उनका माइंड डायवर्ट हो और वे अंदर ठीक से रह पाए। वर्टिकल तरीके से ड्रिल का काम शुरू हो गया। ऐसे में ये साफ तौर पर कहा जा सकता है कि रेस्क्यू ऑपरेशन में अभी देरी लग सकती है।

सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों के नाम

  1. सबाह अहमद, बिहार
  2. सोनु शाह, बिहार
  3. वीरेन्द्र किसकू, बिहार
  4. सुशील कुमार, बिहार
  5. गब्बर सिह नेगी, उत्तराखंड
  6. रविन्द्र, झारखंड
  7. रनजीत, झारखंड
  8. अनिल बेदिया, झारखंड
  9. श्राजेद्र बेदिया, झारखंड
  10. सुकराम, झारखंड
  11. टिकू सरदार, झारखंड
  12. गुनोधर, झारखंड
  13. मनिर तालुकदार, पश्चिम बंगाल
  14. सेविक पखेरा, पश्चिम बंगाल
  15. अखिलेष कुमार, यूपी
  16. जयदेव परमानिक, पश्चिम बंगाल
  17. सपन मंडल, ओडिशा
  18. विश्वजीत कुमार, झारखंड
  19. सुबोध कुमार, झारखंड
  20. भगवान बत्रा, ओडिशा
  21. अंकित, यूपी
  22. राम मिलन, यूपी
  23. सत्यदेव, यूपी
  24. सन्तोष, यूपी
  25. जय प्रकाश, यूपी
  26. राम सुन्दर, उत्तराखंड
  27. मंजीत, यूपी
  28. रनजीत, झारखंड
  29. समीर, झारखंड
  30. विशेषर नायक, ओडिशा
  31. राजू नायक, ओडिशा
  32. महादेव, झारखंड
  33. मुदतू मुर्म, झारखडं
  34. धीरेन, ओडिशा
  35. चमरा उरॉव, झारखंड
  36. विजय होरो, झारखंड
  37. गणपति, झारखंड
  38. संजय, असम
  39. राम प्रसाद, असम
  40. विशाल, हिमाचल प्रदेश
  41. पु्ष्कर, उत्तराखंड

12 नवंबर को  हुआ था हादसा

बचावकर्मियों ने चारधाम रोड पर बनी सुरंग के बारकोट छोर पर भी दो विस्फोटक उपकरण विस्फोट किए और अंदर फंसे श्रमिकों को बचाने के लिए एक और सुरंग खोदना शुरू कर दिया। 12 नवंबर को उत्तरकाशी जिले में चारधाम यात्रा मार्ग पर निर्माणाधीन 4.5 किलोमीटर लंबी सिल्क याला सुरंग का एक हिस्सा ढह गया, जिससे मलबे के दूसरी तरफ मजदूर फंस गए।

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