वैलेंटाइन किसी दिन का नाम नहीं है, यह नाम है एक पादरी का, जो कि रोम में रहता था, उस वक्त रोम पर क्लोडिअस का शासन था। जिसकी बस एक ही इच्छा थी कि वह एक शक्तिशाली शासक बने, जिसके लिए उसे एक बहुत बड़ी सेना चाहिए थी। लेकिन उसने देखा कि रोम के वो लोग जिनका परिवार है, जिनके बीवी और बच्चे है, वो सेना में नहीं जाना चाहते।
तब उस शासक ने एक नियम बनाया, जिसके अनुसार उसने भविष्य में होने वाली सभी शादी पर प्रतिबन्ध लगवा दिया। यह बात किसी को ठीक नहीं लगी, पर उस शासक के सामने कोई कुछ नहीं कह पाया। ये बात पादरी वैलेंटाइन तक पोहची और उन्हें भी अच्छी नही लगी। एक दिन एक प्रेमी जोड़ा आया, जिसने शादी करने की इच्छा व्यक्त की तब पादरी वैलेंटाइन ने उनकी शादी चुपचाप एक कमरे में करवा दी। लेकिन उस शासक को पता चल गया और उसने पादरी वैलेंटाइन को कैद कर लिया और उसे मौत की सजा सुना दी।
वैलेंटाइन डे पर क्यो दिया जाता है गुलाब
जब पादरी वैलेंटाइन जेल में बंद था, तब सभी लोग उससे मिलने आते थे, उसे गुलाब और गिफ्ट देते थे, वह सभी बताना चाहते थे, कि वह सभी प्यार में विश्वास करते है, पर जिस दिन उनको मौत की सजा दी, वह दिन 14 फरवरी 269 A.D. था। वैलेंटाइन प्यार करने वालों के लिए खुशी खुशी कुर्बान होने की याद में आज तक 14 फरवरी को वैलेंटाइन की मनाया जाता है।
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