India News (इंडिया न्यूज), Vikas Divyakirti On Coaching Accident: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में शनिवार को बेसमेंट में जलभराव से 2 छात्राओं और 1 छात्र की मौत हो गई थी। जिसके बाद से ही दिल्ली में रहने वाला छात्र समुदाय लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहा है। खासकर वो छात्र जो UPSC की तैयारी कर रहे हैं। वहीं छात्रों ने सोमवार को दृष्टि आईएस और उसके निर्देशक विकास दिव्यकीर्ति के घरके सामने प्रदर्शन किया। जसिके बाद दृष्टि आईएएस के निदेशक विकास दिव्यकीर्ति का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि उन्हें इसलिए निशाना बनाया गया है, क्योंकि हर किसी को बलि का बकरा चाहिए होता है। समाज अपराधी ढूंढ़ लेता है। प्रतियोगियों को लगता है कि यही मौका है, उन्हें लगता है कि हिसाब बराबर कर लेना चाहिए।
हादसे पर पहली बार बोले दिव्यकीर्ति
विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि बच्चों का गुस्सा जायज है। शायद उन्हें मुझसे ज्यादा की उम्मीद थी, इसलिए वे मुझ पर गुस्सा हुए। मैं आभारी हूं कि उन्हें मुझ पर गुस्सा आया। मेरे नाम पर गाली देने से ज्यादा व्यूज मिलते हैं, इसलिए मुझे निशाना बनाया गया। यह वर्चुअल मॉब लिंचिंग जैसा है। उन्होंने कहा कि मैं भावनात्मक मामलों में मुखर नहीं होता। तीन बच्चे मर गए, मुझे आश्चर्य है कि जब पानी भरा गया होगा तो उन पर क्या गुजरी होगी। मेरी मुख्य चिंता उस अनुभव को महसूस करना है। उन्होंने आगे कहा कि मैं एलजी की मीटिंग में गया था। मैंने कुछ बच्चों से बात की। अब मुझे लगता है कि इससे राहत मिली है। मैं एक-दो दिन में बच्चों से मिलूंगा।
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दृष्टि आईएस का बेसमेंट सील
दृष्टि आईएस के निर्देशक ने कहा कि बैठक अच्छी रही। एलजी और दिल्ली सरकार सक्रिय हैं। उन्होंने बच्चों और संस्थानों की बात सुनी। एक कमेटी बनाई गई है, मैं भी उसमें हूं। उम्मीद है कि जल्द ही नतीजा सामने आएगा। नियमों के स्तर पर गलती हुई है, लेकिन हमारी मंशा गलत नहीं थी। उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली में 2000 कोचिंग संस्थान हैं। इनमें से एक के पास भी शिक्षा भवन के लिए फायर एनओसी नहीं है। विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि हमारे एक बेसमेंट को सील कर दिया गया है। यह एक स्वीकृत बेसमेंट है। नेहरू विहार का बेसमेंट एक मॉल का बेसमेंट है। इसमें 7 निकास हैं। वह बेसमेंट दिल्ली की सबसे सुरक्षित इमारतों में से एक है।
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कोचिंग संस्थानों पर क्या बोले?
बता दें कि, दृष्टि आईएस के निर्देशक विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि मुझे लगा कि चिंता आग लगने की है। मुखर्जी नगर में, जहाँ कोचिंग संस्थान स्थित है। वहाँ सिर्फ़ एक निकास और एक प्रवेश द्वार है और बिजली का मीटर भी वहीं है। मुख्य खतरा आग से है हमने कभी नहीं सोचा था कि पानी भर सकता है। 3 साल पहले, जब जल स्तर बढ़ना शुरू हुआ, तो हमें सात दिन की छुट्टी दी गई थी। लेकिन हमने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा कुछ हो सकता है। गौरतलब है कि लगातार छात्र समुदाय अपने तीनों साथियों के लिए न्याय की मांग को लेकर सड़कों पर है। अब देखना होगा की युवाओं की मांग को केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, दिल्ली के उपराज्यपाल और एमसीडी कब पूरा करती है।
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